दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) एकेडमिक सेशन 2024-25 से सिंगल गर्ल चाइल्ड (अपने माता-पिता की इकलौती संतान) को अतिरिक्त कोटा के तहत सभी कॉलेजों में हर एक पाठ्यक्रम में एक सीट दी जाएगी. विश्वविद्यालय ने स्नातक कार्यक्रमों (Undergraduate Programmes) में दाखिले के लिए कॉमन सीट आवंटन प्रणाली (CSAS) पोर्टल भी लॉन्च किया. अतिरिक्त कोटा या सीटें, उन सीटों को संदर्भित करती हैं जो किसी कॉलेज के लिए पहले से स्वीकृत सीटों के अलावा बनाई जाती हैं.
अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय में 69 कॉलेजों और विभागों में फैले 79 अंडरग्रेजुएट (यूजी) प्रोग्राम्स और 183 बीए प्रोग्राम कॉम्बिनेशन्स में करीब 71,000 सीटें हैं. डीयू के अधिकारियों के मुताबिक, यह पहली बार है कि विश्वविद्यालय सिंगल गर्ल चाइल्ड को अतिरिक्त कोटा प्रदान करेगा. पोर्टल में कोटा के लिए आवेदन करने का विकल्प होगा जैसे पिछले साल अनाथ छात्रों के लिए आरक्षण के लिए व्यवस्था की गई थी. बाकी प्रक्रिया दूसरी केटेगरीज की तरह ही होगी, जिसमें सबसे योग्य छात्रा को संबंधित पाठ्यक्रम में दाखिला मिलेगा. दाखिले से पहले कॉलेज प्रमाण और दस्तावेजों को वेरिफाई करेगा.
दो फेज में होगी दाखिले की प्रोसेस
यूजी एडमिशन प्रोसेस दो फेज में होगी, जो सभी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) में छात्रों को मिलने वाले अंकों के आधार पर होगी. हालांकि, नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (NCWEB) और स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) के ग्रेजुएशन प्रोग्राम्स में दाखिला कक्षा 12 में मिले अंकों के आधार पर होगा. NCWEB के लिए दाखिले की प्रोसेस शुरू हो गई है और यह SOL के लिए भी 3 जून से शुरू होगी.
सभी प्रोग्राम्स के लिए जहां CUET के अंकों पर विचार किया जाएगा, पहला चरण सीएसएएस पोर्टल के लॉन्च के साथ शुरू हो गया है. पहला चरण एक सरल पंजीकरण प्रक्रिया है जिसमें दाखिला चाहने वाले उम्मीदवारों को सीयूईटी (यूजी) एप्लिकेशन नंबर के साथ-साथ कक्षा 12 में अपने पर्सनल डिटेल्स और अकेडमिक स्कोर्स भरने होंगे. छात्रों को माता-पिता के नाम, सोशल केटेगरी, जाति और लिंग सहित अन्य विवरण भी भरने होंगे और छात्रों को विवरण जमा करते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि उन्हें बाद में कुछ भी बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इसके बाद, आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा, जो अनारक्षित, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए ₹250 और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूबीडी) जैसी केटेगरी के लिए ₹100 होगा. CSAS (UG) प्रोसेस का दूसरा फेज सीयूईटी (यूजी) रिजल्ट की घोषणा के साथ शुरू होगा, जहां छात्रों को कॉलेज और विभागों के लिए प्रिफरेंस देनी होगी. कक्षा 12 में उम्मीदवारों ने जो विषय पढ़े हैं और जिन विषयों में उन्होंने सीयूईटी (यूजी) परीक्षा दी है, दोनों को साथ में मैप करना होगा, क्योंकि विश्वविद्यालय केवल उन सीयूईटी डोमेन पेपरों पर विचार करेगा जो 12वीं कक्षा के विषयों के समान या मिलते-जुलते हैं.
ज्यादा से ज्यादा सीटों को भरने पर फोकस
डीयू ने अपने स्पोर्ट्स सुपरन्यूमेरी कोटा के तहत 26 खेलों/स्पोर्ट्स और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज (ईसीए) सुपरन्यूमेरी कोटा के तहत एनएसएस और एनसीसी सहित 14 केटेगरीज की पहचान की है. पिछले साल, यूजी सीट आवंटन के चार राउंड के बाद भी लगभग 1,000 यूजी सीटें खाली रह गईं. डीयू अधिकतम सीटों को भरने के लिए सामान्य, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस केटेगरी के तहत हर एक कॉलेज में हर एक कार्यक्रम के लिए 20% अतिरिक्त छात्रों और एससी, एसटी, पीडब्ल्यूबीडी केटेगरी में 30% अतिरिक्त छात्रों को दाखिला देगा.