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Delhi University की अनोखी स्कीम, 52 साल के ट्रेडर ने लिया साइकोलॉजी कोर्स में दाखिला, फिर से कॉलेज लाइफ जीने का मौका

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अपने शताब्दी साल के समारोह के दौरान एक खास स्कीम की शुरूआत की है जिसके तहत किसी भी सेक्टर से वर्किंग प्रोफेशनल और सीनियर सिटिजन्स आदि एक सेमेस्टर के लिए कोर्स में दाखिला ले सकते हैं.

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हाइलाइट्स
  • कॉलेज लाइफ को फिर से जीने का मौका

इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह के हिस्से के रूप में और इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफलॉन्ग साइंसेज (ILLL) के तहत शुरू की गई योग्यता संवर्धन योजना (Competence Enhancement Scheme/CES) का उद्देश्य लोगों के लिए "उच्च शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाना है, जैसा कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत परिकल्पना की गई है." इस योजना के तहत एक 52 वर्षीय बिजनेसमैन, राकेश कुमार जैन ने अपने कॉलेज के दिनों को फिर से जीने के लिए साइकोलॉजी कोर्स में दाखिला लिया है. 

दिल्ली में रहने वाले राकेश जैन ने साल 1999 में आखिरी बार एक छात्र के रूप में कॉलेज में कदम रखा था. उन्होंने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (IIFT) से एक्सपोर्ट मार्केटिंग में डिप्लोमा कोर्स पूरा किया था. जैन सबसे उम्रदराज छात्र हैं जिन्होंने हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय की CES Scheme के तहत दाखिला लिया है. 

क्या है इस योजना का उद्देश्य
विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार: “यह योजना जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को कॉलेज और विश्वविद्यालय के विभागों में एक सेमेस्टर में प्रस्तावित किसी एक या दो कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन करके अपने ज्ञान/क्षमता को बढ़ाने का अवसर देगी. ऐसे उम्मीदवारों को स्टडी प्रोग्राम के लिए नामांकन किए बिना ऐसे कोर्सेज के नियमित छात्रों के साथ विश्वविद्यालय में पढ़ने का मौका मिलेगा."

ILLL के निदेशक प्रोफेसर संजय रॉय ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अब तक, तीन छात्रों ने इस कोर्स में दाखिला लिया है. छात्र अपनी पसंद का विषय चुन सकते हैं और पढ़ने के लिए दो पेपर चुन सकते हैं, और कोर्स पूरा करने पर इस योजना के तहत एक प्रमाण पत्र हासिल कर सकते हैं. वहीं जैन का कहना है कि वह किसी प्रमाणपत्र या योग्यता के लिए नहीं बल्कि अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए यहां हैं. 

कॉलेज लाइफ को फिर से जीने का मौका
जैन कपड़ा व्यपारी हैं और उनकी कंपनी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी जैसे देशों के ग्राहकों के साथ काम करती है. वह साल में दुनिया भर में लगभग 8-10 प्रदर्शनियों में अपने कपड़े लेकर जाते हैं. उनका कहना है कि वह इस नॉलेज का इस्तेमाल अपने बिजनेस में लोगों को समझने के लिए कर सकते हैं. पढ़ाई के साथ-साथ जैन अपनी कॉलेज लाइफ को फिर से जीने के लिए भी उत्सुक हैं.  

दिल्ली यूनिवर्सिटी की इस योजना को अगर लोगों का सपोर्ट मिले तो यह बहुत अच्छी पहल साबित हो सकती है. उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके जरिए अपनी नॉलेज और स्किल्स को अपडेट करेंगे.