केंद्रीय शिक्षा मंत्री धरमेंद्र प्रधान ने पहली बार कथित नीट पेपर लीक (NEET Paper Leak) मामले पर प्रेस कांफ्रेंस की. इस प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बिहार में गिरफ्तार हुए आरोपियों से लेकर परीक्षा रद्द करने के सवाल तक कई विषयों को संबोधित किया.
"इसे राजनीतिक चश्मे से न देखें"
शिक्षा मंत्री प्रधान ने विपक्षी पार्टियों से अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से न देखें. और उन्हें सहयोग की उम्मीद है. प्रधान ने कहा, "हम फूल-प्रूफ तरीके से परीक्षा करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारी सरकार पहली बार 2024 में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम लेकर आई. मैं सभी से गुजारिश करता हूं कि इस मुद्दे पर अफवाहें न फैलाएं और इसे राजनीतिक रोशनी में न देखें. मैं विश्वास दिलाता हूं कि हम किसी अपराधी को नहीं छोड़ेंगे. मुझे आपके सहयोग की उम्मीद है."
प्रधान की प्रेस कांफ्रेंस से कुछ घंटे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि पेपर लीक की घटनाओं के लिए बीजेपी-आरएसएस जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा था, "पेपर लीक का मुख्य कारण यह है कि शैक्षणिक संस्थानों पर बीजेपी और उसके मूल संगठन आरएसएस का वर्चस्व हो गया है. जब तक इसे उलटा नहीं जाता, पेपर लीक नहीं रुकेंगे. उन्होंने ऐसे वाइस चांसलर नियुक्त किए हैं जो आरएसएस की विचारधारा का पालन करते हैं और इसलिए, ऐसे औसत दर्जे के लोग हमारे संस्थान चला रहे हैं."
परीक्षा रद्द करने को लेकर क्या कहा?
प्रधान ने पेपर रद्द होने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि सरकार छात्रों के अधिकारों की रक्षा करना चाहती है. उन्होंने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट्स के आधार पर यही कहा जा सकता है कि पेपर लीक की घटना एक विशेष इलाके तक सीमित थी. और एक घटना की वजह से सरकार पेपर रद्द नहीं करेगी.
प्रधान ने कहा, "मैं विनम्रता से कहना चाहूंगा कि जिन लाखों विद्यार्थियों ने परीक्षा पास की है, हमें उनके हितों का भी ध्यान रखना है. हम एक-दो घटनाओं की वजह से लाखों विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में नहीं डाल सकते."
उन्होंने कहा, "मैं सभी को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि सरकार छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. हम पारदर्शिता से समझौता नहीं करेंगे. हमें नीट परीक्षा के बारे में बिहार सरकार से इनपुट मिला है. पटना पुलिस मामले की जांच कर रही है और वे जल्द ही भारत सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजेंगे."
शिक्षा मंत्री पटना में नीट-यूजी पेपर लीक घटना के बारे में बात कर रहे थे, जहां कुछ छात्रों को परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्न पत्र मिल गया था. पटना पुलिस ने अब तक चार अभ्यर्थियों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक अभ्यर्थी अनुराग यादव ने पुलिस को दिए गए बयान में कथित तौर पर अपराध कबूल भी लिया है.
नीट परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार इसमें शामिल हुए थे. नतीजे 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी. लेकिन घोषणा 4 जून को हुई. एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व तरीके से 67 कैंडिडेट्स ने पूरे 720 अंक हासिल किए. इसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक ही सेंटर से छह बच्चों ने 720 अंक हासिल किए. इस तरह के नतीजे आने के बाद लोगों के बीच पेपर लीक का शक पैदा हुआ. यह आरोप भी लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स ने 67 छात्रों को टॉपर बनाने में योगदान दिया है.
यूजीसी-नेट रद्द करने पर दी जानकारी
प्रधान ने यह भी बताया कि केंद्र ने एक दिन पहले यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का फैसला क्यों लिया. उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्र डार्क वेब पर लीक हो गया था, जिसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया. डार्क वेब या डार्कनेट इंटरनेट का एक हिस्सा है जो सर्च इंजन की पहुंच से परे है. इसके यूजर काफी हद तक गुमनाम हैं और मुख्य रूप से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से भुगतान करते हैं.
प्रधान ने कहा, "जैसे ही यह स्पष्ट हो गया कि डार्कनेट पर यूजीसी-नेट का प्रश्नपत्र यूजीसी-नेट के मूल प्रश्नपत्र से मेल खाता है, हमने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया."