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आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे नहीं रहेंगे पढ़ाई से वंचित, असम सरकार शुरू कर रही है स्कूल ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट

असम सरकार विद्या रथ- स्कूल ऑन व्हील्स नाम का एक प्रोजेक्ट शुरू कर रही है. जिसके तहत ऐसे बच्चों की मदद की जाएगी जो आर्थिक रूप से समजोर हैं. छात्रों को फ्री मिड-डे मील, यूनिफॉर्म और किताबें दी जाएंगी

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हाइलाइट्स
  • अकादमिक रूप से सशक्त बनेंगे छात्र 

  • बच्चे हैं देश का भविष्य 

घर-घर शिक्षा पहुंचाने के लिए अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं. अब इसी कड़ी में असम सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के दायरे में लाने के लिए स्कूल ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट शुरू किया है.  इसके तहत गरीब बच्चों को शिक्षित करने में मदद की जाएगी.  

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, "विद्या रथ: स्कूल ऑन व्हील्स" में ऐसे बच्चों को 10 महीने तक प्राइमरी शिक्षा प्रदान की जाएगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. इस प्रोजक्ट के तहत, छात्रों को फ्री मिड-डे मील, यूनिफॉर्म और किताबें दी जाएंगी. 

अकादमिक रूप से सशक्त बनेंगे छात्र 

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुवाहाटी हाई कोर्ट में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है. इस दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आशा व्यक्त की कि यह गरीब परिवारों के बच्चों को औपचारिक शिक्षा के दायरे में लाने में मदद करेगा. सीएम ने कहा, “सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के उत्थान के बिना हमारे सपनों का भारत हासिल नहीं किया जा सकता है. प्रोजेक्ट विद्या रथ: स्कूल ऑन व्हील्स आर्थिक रूप से अक्षम बच्चों को शिक्षा प्रदान करने और उन्हें अकादमिक रूप से सशक्त बनाने में मदद करेगा.” 

बच्चे हैं देश का भविष्य 

दरअसल, कई बच्चे अपने परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति देखकर स्कूल छोड़ देते हैं और नशे की ओर चले जाते हैं. ऐसे में ये स्कूल ऑन व्हील्स प्रोजेक्ट उन्हें शिक्षा तक पहुंचाने में मदद करेगा.  मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने आगे कहा कि "हमारे बच्चे देश का भविष्य हैं. यह देखना बेहद दर्दनाक है कि हमारे कई बच्चे, जो स्कूलों में हैं, जो उज्ज्वल भविष्य की नींव तैयार कर रहे हैं, इसके बजाय सड़कों पर, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशनों पर या कचरा, बोतलें उठाने में लगे हुए हैं. ये प्रोजेक्ट इन्हीं बच्चों की मदद करेगा.”