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स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में लगा अपनी तरह का पहला Mega Job Fair, 25 फर्म्स ने दी 158 दिव्यांगजनों को नौकरी

दिल्ली विश्वविद्यालय के गांधी भवन लगे इस जॉब फेयर को समर्थम ट्रस्ट और स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) ने मिलकर आयोजित किया है. इस फेयर करीब 25 कंपनियों ने हिस्सा लिया है. इनमें क्रोमा, ब्लू टोकई, इंडिगो और आईएचजी होटल जैसी कंपनियां शामिल हैं.

Jobs (Symbolic Image) Jobs (Symbolic Image)
हाइलाइट्स
  • 25 कंपनियों ने लिया हिस्सा

  • अलग-अलग नौकरियों में जा रहे हैं दिव्यांगजन

कोरोना वायरस की वजह से दो साल पहले लॉकडाउन लगाया गया था, जिसके चलते कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. लेकिन स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग में लगा मेगा जॉब फेयर बेरोजगार लोगों या ऐसे लोगों के लिए जो नौकरी की तलाश में हैं, उनके लिए वरदान साबित हो रहा है. ये जॉब फेयर दिव्यांगजनों के लिए लगाया गया है. 

आपको बता दें, स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग में लगे मेगा जॉब फेयर में नौकरी देने के लिए 25 फर्म्स ने हिस्सा लिया है, जिसमें 158 दिव्यांगजनों को चुना गया. 

कंप्यूटर बेस्ड नौकरी की तलाश में हैं लोग 

उनतीस वर्षीय बिपिन किश्वर 2018 से बीपीओ के साथ काम कर रहे थे, लेकिन दो साल पहले महामारी की चपेट में आने से उनकी नौकरी चली गई. बेरोजगार होने के बाद से, किश्वर, जिन्हें कानों से कम सुनाई देता है फिर से काम की तलाश में है. यहां आए ज्यादातर लोग कंप्यूटर बेस्ड नौकरियों की तलाश में हैं. ऐसे ही सरोज गिरी हैं जो चल नहीं सकते हैं. अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में हैं. 

गिरी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले हैं. वे कहते हैं, “मैं सरकारी नौकरी और सिविल सर्विस के लिए कोशिश कर रहा था और दिल्ली आने के बारे में सोच रहा था. मैंने वोकेशनल ट्रेनिंग में हिस्सा लिया ताकि मैं नौकरी भी ढूंढ सकूं. 

25 कंपनियों ने लिया है हिस्सा 

बता दें, दिल्ली विश्वविद्यालय के गांधी भवन लगे इस जॉब फेयर को समर्थम ट्रस्ट और स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) ने मिलकर आयोजित किया है. इस फेयर करीब 25 कंपनियों ने हिस्सा लिया है. इनमें क्रोमा, ब्लू टोकई, इंडिगो और आईएचजी होटल जैसी कंपनियां शामिल हैं.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, इस जॉब फेयर में लगभग 800 लोगों ने हिस्सा लिया था जिसमें से 158 लोगों को अलग-अलग फर्म में चुना है. 

कैसी-कैसी नौकरियां दी जा रही हैं?

इन्वेंट्री कंट्रोलर, हाउसकीपिंग स्टाफ, सेल्स एग्जीक्यूटिव जैसी कई पोजीशन लोगों को ऑफर की जा रही है. इसके साथ, एयरपोर्ट पर कस्टमर केयर सर्विस, होटलों में बैकएंड पर कोर इंजीनियरिंग टीमों के लिए हेल्पर और बिलिंग काउंटरों पर कैशियर जैसी नौकरियां भी शामिल हैं. 

अलग-अलग नौकरियों में जा रहे हैं दिव्यांगजन 

गिरी कहते हैं, “यह एक अच्छा मंच है और मैं कंप्यूटर बेस्ड नौकरियों की तलाश कर सकता हूं. मेरे पिता का कुछ साल पहले ही निधन हो गया था, जिसके बाद हम तीन भाई-बहनों की जिम्मेदारी मेरे ही सर पर आ गई थी, क्योंकि मैं उनमें सबसे बड़ा हूं. वहीं, दूसरी ओर शिवम् हैं, जो पूरी तरह नहीं सुन पाते हैं कहते हैं कि उनके परिवार को सपोर्ट करने के लिए रोजगार जरूरी है क्योंकि उनके माता-पिता रिटायर हो चुके हैं. 

बीए प्रोग्राम में ग्रेजुएशन कर रहे नीलेश ने कहा, “मैं डिस्टेंस एजुकेशन से अपनी डिग्री हासिल कर रहा हूं और मेरे पास बहुत खाली समय है. जहां तक ​​मेरे निजी खर्च का सवाल है, मैं कमाना और स्वतंत्र होना चाहता हूं. मैं ऐसी नौकरियों की तलाश कर रहा हूं जिनमें डेटा एंट्री शामिल हो. बता दें, नीलेश को लोकोमोटर डिसेबिलिटी नाम की बीमारी है. 

पहली बार हुआ है ऐसा जॉब फेयर आयोजित 

एसओएल के प्रिंसिपल यूएस पांडे ने कहा, "अलग-अलग छात्रों ने मेगा जॉब फेयर में भाग लिया है. हम चाहते हैं कि छात्रों को अच्छी तरह से रखा जाए. यह पहली बार है जब एसओएल इस तरह के फेयर का आयोजन कर रहा है, हम आने वाले समय में इसी तरह के आयोजनों पर विचार कर सकते हैं.