हिमाचल प्रदेश के ऊना प्रशासन ने एक ऐसी अनूठी और शानदार पहल की है जो निश्चित रूप से काबिल-ए-तारीफ है. दरअसल जिला प्रशासन ने ऊना सुपर फिफ्टी के नाम से एक कोचिंग व्यवस्था शुरू की है. जिसमें 50-50 के बैच में मेधावी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क पढ़ाया जाता है.
गौर करने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन को पहले ही साल में अच्छी सफलता मिली है. क्योंकि सुपर फिफ्टी के 5 छात्रों का चयन एनआईटी हमीरपुर के लिए हुआ है. इस सफलता के बाद प्रशासन बहुत खुश है और लोगों का विश्वास उनकी इस पहल पर बन रहा है.
मिला स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट का सिल्वर अवार्ड:
बच्चों ने इस सफलता के लिए ऊना प्रशासन की जमकर सराहना की है. इस कोचिंग में प्रशासन के अधिकारी भी समय-समय पर बच्चों को पढ़ाते हैं. सुपर 50 को इस अनूठे प्रयास और सफलता के लिए स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट का सिल्वर अवार्ड भी मिला है.
एनआईटी, हमीरपुर में चयनित हुए विद्यार्थियों में सिद्धांत सडियाल को मकैनिकल इंजीनियरिंग, स्वास्तिक शर्मा को सिविल इंजीनियरिग, तन्वी व शानू ठाकुर को इंजीनियरिंग फिजिक्स और कंचन को इलेक्ट्रॉनिक्स एडं कम्यूनिकेशन में प्रवेश मिला है. इस सफलता से न केवल छात्र बल्कि उनके परिजन भी बहुत खुश और संतुष्ट हैं.
120 बच्चों को करा रहे हैं तैयारी:
प्रशासन की तरफ से डीएम राघव शर्मा कहते हैं कि इस अनूठी पहल के पीछे प्रशासन का प्रयास ऐसी प्रतिभाओं को मंच और अवसर देना है जो प्रोत्साहन के अभाव में दम तोड़ देती हैं. डीएम शर्मा सुपर 50 के पहले बैच के 5 बच्चों को एनआईटी में प्रवेश मिलने पर गौरवान्वित महसूस करते हैं. उन्होंने बताया कि आज सुपर 50 के विभिन्न बैचों में कुल 120 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि यदि ऊना प्रशासन की भांति देश के हर जिले में प्रशासन इस तरह बच्चों की मदद करे तो हमारे देश का भविष्य निश्चित रूप से और अधिक निखर कर सामने आएगा. देश विकास के पथ पर और तेजी से अग्रसर हो सकता है. बस जरूरत है तो ऊना प्रशासन की तरह सही सोच और ईमानदारी से कार्य किए जाने की.
(ऊना, हिमाचल प्रदेश से संदीप खड़वाल की रिपोर्ट)