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VISA प्रक्रिया को आसान करेगा जर्मनी...छात्रों को होगा फायदा, नौकरी और पढ़ाई करना होगा आसान

भारत और जर्मनी के बीच वीजा प्रक्रिया आसान होने वाली है. इससे दोनों देशों के छात्रों को फायदा होगा. वहीं नौकरी और पढ़ाई करना भी इनके लिए आसान हो जाएगा. साथ ही दोनों देशों के रिसर्च और इनोवेशन को भी आगे बढ़ाया जा सकेगा.

वीजा वीजा
हाइलाइट्स
  • पिछले महीने बाली में हुआ था जी-20 शिखर सम्मेलन 

  • ड्यूल डिग्री ले सकेंगे छात्र

वीजा प्रक्रिया को लेकर सभी छात्र परेशान रहते हैं. लेकिन अब इसे आसान करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में जर्मनी औग भारत के बीच समझौता हुआ है. सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और जर्मनी की विदेश मंत्री अन्नालेना बेयरबॉक ने प्रवासन (माइग्रेशन) और मोबिलिटी पार्टनरशिप पर हस्ताक्षर किए हैं. इस साझेदारी का उद्देश्य छात्रों, पेशेवरों और शोधकर्ताओं के दो-तरफा सुविधा देना है, ताकि वे जर्मनी में बिना किसी रूकावट के शोध और नौकरी कर सकें.  

पिछले महीने बाली में हुआ था जी-20 शिखर सम्मेलन 

दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में भारत और जर्मनी के बीच संबंध अच्छे हुए हैं. माइग्रेशन के इस अग्रीमेंट से मोबिलिटी के मुद्दों में आसानी होगी. उम्मीद है कि जर्मनी जाने वाले भारतीयों के लिए वीजा संबंधी चुनौतियों का भी समाधान हो जाएगा. पिछले महीने बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चांसलर ओलाफ शोल्ज के बीच हुई बैठक में द्विपक्षीय आर्थिक जुड़ाव और रक्षा सहयोग के विस्तार के तरीकों पर प्रमुखता से विचार किया गया था.

कैसे होगा भारतीयों को फायदा?

दोनों देशों के छात्र एक दूसरे के देशों में आ जा रहे हैं. इसी आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप निर्धारित की गई है. इस साल मई में, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत सरकार स्टडी इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में जर्मन छात्रों के प्रवेश की सुविधा प्रदान करेगी. इसके अलावा यह समझौता छात्रों, शिक्षाविदों और पेशेवर कार्यबल सहित लोगों से लोगों के बीच सक्रिय आदान-प्रदान सुनिश्चित करने में मदद करेगा. 

दोनों देशों में रिसर्च को मिलेगा फायदा

इससे जर्मनी और भारत की ओर से उच्च शिक्षा प्रणाली के अंतर्राष्ट्रीयकरण का विस्तार करने, दोनों देशों के रिसर्च और इनोवेशन को आगे बढ़ाने और व्यावसायिक शिक्षा और ट्रेनिंग के लिए दोहरी संरचनाओं को मजबूत करने के प्रयासों में वृद्धि हुई है. इसका मतलब है कि भारतीय छात्रों को अब जर्मनी में शोध कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिल सकता है. बता दें,  जर्मनी अपनी उच्च शिक्षा प्रणाली, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास प्रयासों के लिए जाना जाता है.

ड्यूल डिग्री ले सकेंगे छात्र

माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप भी सुनिश्चित करती है कि भारतीय छात्र अब जॉइंट डिग्री और ड्यूल डिग्री ले सकेंगे. यह यूनिवर्सिटी लेवल पर भारतीय और जर्मन विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग से सुनिश्चित किया जाएगा. अकेडमिक मुद्दों के अलावा, इस समझौता भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए एक संयुक्त और सहयोगपूर्ण प्रयास भी सुनिश्चित करता है. इसके अलावा यह समझौता जर्मन व्यापार मालिकों को भारत की यात्रा करने और यहां निवेश करने की भी सुविधा प्रदान करेगा. यह बदले में देश के कुशल मजदूरों के लिए रोजगार के अधिक अवसर भी पैदा करेगा.