scorecardresearch

India's first AI based anganwadi: इस शहर में खुली देश की पहली Artificial Intelligence आधारित आंगनवाड़ी, पढ़ाई के साथ बच्चों की सेहत पर भी होगा ध्यान

उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में देश की पहला Artificial Intelligence आधारित आंगनवाड़ी की शुरुआत की गई है. जल्द ही, शहर में ऐसी और 100 आंगनवाड़ी बनाई जाएंगी. इस तरह की आंगनवाड़ी बनाने का उद्देश्य बच्चों की ओवरऑल डेवलपमेंट पर ध्यान देना है.

India's first AI based anganwadi India's first AI based anganwadi

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल आज हर क्षेत्र में हो रहा है. चाहे सुरक्षा का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य या शिक्षा, आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल ने दुनिया को काफी एडवांस कर दिया है. हालंकि, अब तक प्राइमरी एजुकेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बहुत ज्यादा नहीं हो रहा था. पर अब गाज़ियाबाद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित आंगनवाड़ी की शुरुआत हुई है और यह देश का पहला आंगनवाड़ी है जो AI आधारित है. 

दरअसल बाल विकास विभाग जिला प्रशासन रोटरी क्लब और एक स्टार्टअप ने मिलकर इस पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत गाज़ियाबाद में 100 ऐसे आंगनवाड़ी होंगे जहां AI आधारित क्लासरूम बनाए जायेंगे. इस के तहत गाज़ियाबाद के मोटरी में देश के पहले एआई आंगनवाड़ी की उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदी बेन पटेल ने शुरुआत की.

बच्चों की सेहत का रखा जाएगा ख्याल
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक खास पहल देश में पहली बार हो रही है और इसका मकसद है, नौनिहालों को स्कूल जाने से पहले बेसिक शिक्षा मुहैया कर देना. दरअसल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित क्लासरूम काफी स्मार्ट होने वाले हैं जहां बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनकी सेहत का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा.

सम्बंधित ख़बरें

आंगनवाड़ी में पढ़ने वाली शिक्षिका ऊषा रानी ने AI आधारित क्लासरूम पर कहा कि यह क्लास काफी एडवांस है. ऊषा बीते 13 सालों से बच्चों को शिक्षा दे रही हैं लेकिन अब तक उन्होंने स्लेट या बोर्ड पर चौक से पढ़ाई करवाई है लेकिन अब डिजिटल बोर्ड पर बच्चों को विजुअल म्यूजिक और तस्वीरों के जरिए पढ़ा रही हैं. इस तरह पढ़ने से बच्चे न सिर्फ क्लास में रुचि लेते हैं बल्कि चीज उन्हें और बेहतर तरीके से याद रहती है. बच्चे आंगनवाड़ी आने को उत्सुक भी होते हैं.

खुलेंगे 100 स्मार्ट आंगनवाड़ी 
फिलहाल गाज़ियाबाद में इस तरह के 100 और आंगनवाड़ी खोले जाएंगे और इन सभी आंगनवाड़ी की फंडिंग रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3102 कर रहा है. दरअसल यह क्लब एक जिला या एक शहर में इस तरह के एक आंगनवाड़ी के खर्चे को उठाने की जिम्मेदारी लेता है. उसमें जो भी काम होना है अब वह चाहे बच्चों के खाने-पीने से संबंधित हो या क्लासरूम को एडवांस करने का हो, ये तमाम खर्चे यह क्लब उठाता है. इस वजह से बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है. 

आपके लिए यह समझना भी बहुत जरूरी है कि ये क्लासेस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किस तरह से करेंगे. क्लासरूम में सिर्फ डिजिटल बोर्ड नहीं होगा बल्कि इन सभी बोर्ड का कनेक्शन एप से भी होगा. डिजिटल बोर्ड कितने बजे ऑन हुआ है, वहां क्या-क्या पढ़ाया गया, किस सब्जेक्ट को कितना वक्त दिया गया, बोर्ड बंद कब होता है, क्लासरूम में कितने बच्चे मौजूद थे, बच्चों को खाने के लिए क्या-क्या दिया गया, किसी बच्चे का वजन कितना है या उसकी सेहत कैसी है, इन तमाम जानकारियों का फीडबैक इस एप्लीकेशन के जरिए बाल विकास विभाग जिला प्रशासन को जाएगा.

साथ ही, रोटरी क्लब के मेंबर भी इसका एक्सेस अपने पास रख सकते हैं. जिससे उन्हें यह पता चले कि आंगनवाड़ी में बच्चों को किस तरह से पढ़ाया जा रहा है और अगर कहीं किसी भी तरह की कमी आती है तो प्रशासन इसमें हस्तक्षेप कर सकता है. नौनिहालों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए शिक्षा देने के लिए आंगनवाड़ी की सहायिकाओं और शिक्षकों को भी और एआई बेस्ड ट्रेनिंग दी जाएगी. आने वाले कुछ महीनो में 100 से ज्यादा एआई आधारित आंगनवाड़ियों की शिक्षिकाओं को AI के इस्तेमाल की ट्रेनिंग के साथ हाईटेक शिक्षा देने की स्किल्स सिखाए जाएंगे.