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हौसले को सलाम! कैंसर से जूझते हुए दी 12वीं की परीक्षा, ISC बोर्ड में हासिल किए 97.75% अंक

हाल ही में, ISC 12वीं कक्षा के परिणाम घोषित किए गए, जिसमें लखनऊ की एक छात्रा ने 97.75% अंक प्राप्त कर अपने परिवार का नाम रोशन किया है. हैरत की बात इसलिए है क्योंकि यह छात्रा कैंसर से जूझ रही है और इलाज के दौरान उन्होंने परीक्षा दी.

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हाइलाइट्स
  • प्रमिता ने 12वीं कक्षा में 97.75% अंक हासिल किए

  • गुरुग्राम के अस्पताल में चल रहा है कैंसर का इलाज

उत्तर प्रदेश में लखनऊ में रहने वाली 17 साल की प्रमिता तिवारी ने ISC बोर्ड से 12वीं कक्षा में 97.75% अंक हासिल किए हैं. इस बार बहुत से छात्र-छात्राओं ने अपना परचम लहराया है. लेकिन खास बात यह है कि प्रमिता के लिए यह करना बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है. दरअसल, प्रमिता को एक्यूट माइनर ल्यूकेमिया है. यह एक तरह का कैंसर है. 

पिछले साल अगस्त में उनकी बीमारी डिटेक्ट हुई और इसके बाद मानो उनकी जिंदगी ही रूक गई हो. सबक यही लगा कि अब क्या-कैसे होगा. लेकिन अपने परिवार के साथ से प्रमिता ने न सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया बल्कि उनका इलाज भी ठीक से चल रहा है. 

माता-पिता ने दिया साथ
टेस्ट के बाद प्रमिता को जब अपनी बीमारी का पता चला तो वह सहन नहीं कर पा रही थीं. लेकिन उनके पिता उत्कर्ष तिवारी, व्यवसायी और मां रश्मि उनके साथ खड़े रहे. उनके माता-पिता ने उन्हें विश्वास दिलाया कि वह बिल्कुल ठीक हो जाएंगी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमिता की बीमारी अब नियंत्रण में है, लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक इसे पूरी तरह ठीक होने में लगभग पांच साल लगेंगे. 

अस्पताल में रहते हुए की पढ़ाई
प्रमिता को पहले शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां से उसे कीमोथेरेपी के लिए गुड़गांव के एक मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में रेफर कर दिया था. जनवरी में उनका बोन मैरो ट्रांसप्लांट हुआ था. स्कूल ने प्रमिता के लिए गुड़गांव में ही परीक्षा देने का आयोजन किया. उन्होंने अस्पताल में रहते हुए अपना पहला और दूसरा टाइम पीरियड टेस्ट दिया. 

अपने अस्पताल के दिनों को याद करते हुए प्रमिता ने मीडिया को बताया कि उनके पास उनकी किताबें थीं और जब भी वह फिट महसूस करती थीं, तो पढ़ लेती थी. प्रमिता ने कभी भी अपने आप को पढ़ाई के लिए मजबूर नहीं किया, लेकिन पढ़ाई के दौरान फोकस किया. उनके शिक्षकों ने उनके लिए विशेष ऑनलाइन क्लासेज भी लीं. प्रमिता आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहती हैं.