पीरियड्स की वजह से अब छात्राओं को परेशानी नहीं होगी. छत्तीसगढ़ में हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (HNLU) ने मेंस्ट्रुअल लीव पॉलिसी शुरू की है. ये पॉलिसी 1 जुलाई, 2024 से लागू हो गई है. नई पॉलिसी का उद्देश्य छात्राओं को उनके मेंस्ट्रुअल साइकिल के दौरान सहायता देना है. यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने इसे लेकर बताया कि इससे शैक्षणिक माहौल को बढ़ावा मिलेगा.
न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, कुलपति प्रो वीसी विवेकानंदन ने इस पहल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, “मेंस्ट्रुअल लीव पॉलिसी छात्राओं की विशेष जरूरतों को समझने और सुविधा देने का प्रतीक है. हम ऐसी पॉलिसी के लिए एकेडमिक काउंसिल (Academic Council) को धन्यवाद देते हैं।
महीने में एकदिन मिलेगी छुट्टी
मेंस्ट्रुअल लीव पॉलिसी के तहत छात्राओं को हर महीने एक दिन की छुट्टी दी जा सकेगी. इसकी मदद से जिन छात्राओं को पीरियड्स की वजह से परेशानी झेलनी पड़ती है, वे आराम कर सकेंगी. उन्हें अपनी अटेंडेंस की चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
यह पॉलिसी परीक्षा के दिनों में भी लागू रहेगी. अगर किसी छात्रा को एग्जाम टाइम में पीरियड्स से जुड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है, तो उसे बेड रेस्ट दिया जा सकेगा.
ये लीव HNLU हेल्थ शील्ड पहल का हिस्सा है
यह मानते हुए कि कुछ छात्रों को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसे मेंस्ट्रुअल डिसऑर्डर हो सकते हैं, ये पॉलिसी जरूरी है. ऐसी स्थिति वाली छात्राएं डीम्ड अटेंडेंस को लेकर क्लेम कर सकती हैं. मेंस्ट्रुअल हेल्थ से जुड़ी सभी परेशानियों को इसमें कवर किया जा सकेगा.
मेंस्ट्रुअल लेवल पॉलिसी एचएनएलयू हेल्थ शील्ड पहल का हिस्सा है. ये एक तरह का प्रोग्राम है जिसका उद्देश्य छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर अलग-अलग नियम बनाना है. इस पहल को छात्रों को उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ बनाए रखने में सहायता करने के लिए डिजाइन किया गया है.
यूनिवर्सिटी छात्रों को स्ट्रेस, एंग्जायटी और दूसरी मेंटल हेल्थ चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए काउंसलिंग देती है. कंसल्टेशन और मेंटल हेल्थ वर्कशॉप भी दी जाती है.