यूपी के गोंडा में एक शिक्षक अनोखा अभियान चला रहा है. उका मानना है कि टीचर कभी रिटायर नही होता है और इसलिए आज रिटायरमेंट के बाद भी वह स्कूल के बाद बहुत से बच्चों को निशुल्क पढ़ाते हैं. यह कहानी है वीरेंद्र कुमार यादव की.
वीरेंद्र मार्च 2020 में उच्च प्राथमिक विद्यालय धानेपुर से प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हुए थे. लेकिन बच्चों के बीच रहने के आदी व पढ़ने-पढ़ाने के शौकीन यादव खुद को शिक्षा से दूर नहीं कर पाए. उनके कदम ठंड हो या बरसात, रोजाना स्कूल के तरफ बच्चों को निशुल्क पढ़ाने के लिए बढ़ जाते हैं.
स्कूल में है टीचर्स की कमी
यादव सर से बच्चों को नागरिक शास्त्र, इतिहास व सामान्य ज्ञान पढ़ाते हैं. उन्होंने जीएनटी को बताया कि अध्यापक कभी रिटायर नही होता है. जब तक वह हैं तब तक बच्चों को निशुल्क पढ़ाते रहेंगे. स्कूल के इंचार्ज प्रधानाध्यापक हरि प्रसाद वर्मा का कहना है कि यादव सर रोजाना अब बच्चों को निशुल्क पढ़ाते है. 223 बच्चों के बीच वर्मा ही स्टाफ की कमी है. ऐसे में यादव सर के कारण स्कूल सुचारू रूप से चलाने में बहुत मदद मिल रही है.
यादव सर का कहना है कि उन्हें बच्चों के बीच में रहने का शौक है. बात पैसे की नहीं है बल्कि इन बच्चों को आगे बढ़ाने की है. वह बच्चों को जनरल नॉलेज, नागरिक शास्त्र, इतिहास, भूगोल, सामाजिक विषय या कभी-कभी कृषि और गृह विज्ञान पढ़ा देते हैं. इसके अलावा पढ़ाई में कमजोर बच्चों को विद्यालय की छुट्टी के बाद एक-डेढ़ घंटा का अतिरिक्त समय भी देते हैं.
स्कूल में अन्य लोगों को भी उनसे प्रेरणा मिलती है और सभी को उनके आने से आराम रहता है. यादव अपने साथी शिक्षकों को भी यह सलाह देते हैं कि रिटायरमेंट के बाद खाली बैठने की बजाय आसपास के बच्चों को पढ़ाते रहें ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों का जीवन संवार सकें.
(गोंडा से आंचल श्रीवास्तव की रिपोर्ट)