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UP में होने वाली भर्ती परीक्षा को लेकर सख्त हुई सरकार, प्रश्न पत्र छापने वाली एजेंसी और परीक्षा केंद्र के लिए जारी की गाइडलाइन 

प्रश्न पत्र को लेकर जो निर्देश दिए गए हैं उसमें कई चीजें शामिल हैं. हर पाली के लिए कम से कम दो या उससे अधिक प्रश्न पत्रों का सेट बनाया जाए. प्रत्येक सेट का प्रश्न पत्र अलग-अलग एजेंसी द्वारा तैयार कर छपवाया जाए.

Examination (Representative Image) Examination (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • भर्ती परीक्षा को लेकर सख्त हुई सरकार

  • मॉनिटरिंग को लेकर भी जारी निर्देश

नीट परीक्षा को लेकर देशभर में मचे हंगामे को देखते हुए उत्तर प्रदेश में पेपर लीक को रोकने के लिए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. अपर मुख्य सचिव की तरफ से सभी चयन आयोग व भर्ती बोर्ड को सरकार की नई गाइडलाइन भेज दी गई है. नई गाइडलाइन के साथ साफ निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में जारी किए गए निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाए ताकि प्रदेश में होने वाली अलग-अलग भर्ती प्रक्रिया में सुधार, परीक्षा प्रणाली अधिक सुदृण और शुचितापूर्ण की जा सके. भर्ती प्रक्रिया को लेकर उत्तर प्रदेश शासन ने 8 पेज की गाइडलाइन जारी की है. 

परीक्षा केंद्र निर्धारण संबंधी निर्देश

परीक्षा केंद्र निर्धारण 6 सदस्य कमेटी करेगी. जिसमें जिले के डीएम, एसपी के साथ एडीएम या जिले में परीक्षा का नामित नोडल अधिकारी, जिला एनआईसी अधिकारी, उच्च शिक्षा या तकनीकी शिक्षा अधिकारी और डीआईओएस शामिल होंगे. 

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यह कमेटी A और B श्रेणी के स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाएगी. ए श्रेणी में सभी जरूरी सुविधाओं वाले राजकीय, माध्यमिक विद्यालय, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज होंगे. वहीं B श्रेणी में सुविधा संपन्न वित्त पोषित स्कूल कॉलेज जो पहले कभी विवादित या ब्लैक लिस्ट ना हुए हों उनको परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा. 

इसके अलावा कहा गया है कि परीक्षा केंद्र बस व रेलवे स्टेशन और ट्रेजरी से 10 किलोमीटर के दायरे में हो. कम से कम 3 साल का परीक्षा करवाने का अनुभव हो. परीक्षा केंद्र शहर की आबादी के अंदर हो. परीक्षा केंद्र बनाए जाने से पहले एलआईयू रिपोर्ट और एसटीएफ का फीडबैक जरूर लिया जाए.

परीक्षा कराने के लिए एजेंसी के चयन संबंधी निर्देश

गाइडलाइन में कहा गया है कि एक ही एजेंसी से पूरी परीक्षा करवाना उचित नहीं. अलग-अलग एजेंसी का चयन कर परीक्षा संबंधी काम करवाया जाए. साथ ही एक एजेंसी प्रश्न पत्र तैयार करें, छपवाना और फिर प्रश्न पत्र को सभी जिलों के कोषागार तक पहुंचना होगा.  

दूसरी एजेंसी प्रश्न पत्र को कोषागार से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाएगी.  परीक्षा केंद्र की सभी व्यवस्था और ओएमआर शीट को आयोग अथवा चयन बोर्ड तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाएगी. 

तीसरी एजेंसी परीक्षा केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था जिसमें सिक्योरिटी, फ्रिस्किंग, बायोमेट्रिक कैप्चर, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम से नजर रखेगी. 

चौथी एजेंसी ओएमआर शीट की स्कैनिंग चयन बोर्ड या आयोग के परिसर में ही कर परीक्षा का रिजल्ट चयन बोर्ड को उपलब्ध कराएगी.  

प्रश्न पत्र को लेकर निर्देश

प्रश्न पत्र को लेकर जो निर्देश दिए गए हैं उसमें कई चीजें शामिल हैं. हर पाली के लिए कम से कम दो या उससे अधिक प्रश्न पत्रों का सेट बनाया जाए. प्रत्येक सेट का प्रश्न पत्र अलग-अलग एजेंसी द्वारा तैयार कर छपवाया जाए. कौन सी पाली में कौन सा प्रश्न पत्र आएगा यह परीक्षा शुरू होने से अधिकतम 5 घंटे पूर्व ही तय किया जाए. हर एक सेट की कम से कम 8 सीरीज बनाई जाए और हर सीरीज में सवालों के नंबर अलग हो.

चार लाख से अधिक संख्या में अभ्यर्थियों की परीक्षा में दो स्तरीय परीक्षा अनिवार्य की जाए. जरूरत हो तो कम संख्या के अभ्यर्थियों पर भी दो स्तरीय परीक्षा करवाई जाए.

एक पाली में अधिकतम 5 लाख अभ्यर्थी परीक्षा ही दें.प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट को ले जाने वाला बॉक्स टैंपर प्रूफ, मल्टी लेयर पैकेजिंग वाला हो. प्रश्न पत्र छापने वाली एजेंसी का परीक्षा नियंत्रक नियमित रूप से निरीक्षण करें।

प्रिंटिंग प्रेस को लेकर निर्देश

प्रश्न पत्र की छपाई के दौरान प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के आने जाने की एंट्री जरूर हो. प्रश्न पत्र छापने के दौरान प्रेस में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित हो. किसी भी स्टाफ के द्वारा प्रिंटिंग एरिया में स्मार्टफोन या कैमरा नहीं ले जाया जाए. प्रिंटिंग एरिया और प्रेस के चारों सीसीटीवी कैमरे लगे हो जिनकी रिकॉर्डिंग कम से कम 1 साल तक सुरक्षित रखी जाए. प्रिंटिंग का काम लेने वाली प्रिंटिंग प्रेस के लिए यह शर्त मानना जरूरी हो.

ओएमआर शीट को लेकर निर्देश

ओएमआर शीट की तीन कॉपी हो. ओरिजिनल कॉपी परीक्षा नियामक संस्था को मूल्यांकन के लिए दी जाए. दूसरी कॉपी सील बंद कर कोषागार में सुरक्षित रखी जाए. तीसरी कॉपी अभ्यर्थी को दी जाए.

ओएमआर शीट का मूल्यांकन प्रक्रिया ऑटोमाइजेशन होना चाहिए. कंप्यूटर से ही ओएमआर शीट का मूल्यांकन या स्कोर प्रोसेसिंग की जाए.

मॉनिटरिंग को लेकर निर्देश

4 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों वाली परीक्षा में या अन्य संवेदनशील परीक्षाओं से पहले चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी, एडीजी एसटीएफ के स्तर पर जिले के अफसरों के साथ बैठक कर ली जाए.

चयन बोर्ड/ आयोग जिला स्तर पर अफसरों और परीक्षा केंद्र पर लगाए गए कर्मचारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा सुनिश्चित करें. 

परीक्षा करने वाला आयोग या भर्ती बोर्ड परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की अफवाह का तत्काल खंडन करें. साथ ही परीक्षा से पूर्व, परीक्षा के दौरान और परीक्षा के पश्चात चयन बोर्ड के अफसर एसटीएफ और जिला पुलिस के साथ संपर्क में रहें.

बायोमेट्रिक और आइरिस कैप्चर किया जाए 

परीक्षार्थियों का बायोमेट्रिक लेते समय बाएं हाथ के अंगूठे का निशान और आइरिस (iris) कैप्चर ठीक से किया जाए. लिखित परीक्षा के समय लिए गए बायोमेट्रिक के डाटा का मिलान पास अभ्यर्थी की अगली परीक्षा में भी किया जाए.परीक्षा केंद्र परिसर के साथ साथ सीसीटीवी कैमरे से पूरा परीक्षा हॉल भी कवर हो. सीसीटीवी का डाटा आयोग या भर्ती बोर्ड के पास सुरक्षित रखा जाए.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर परीक्षा के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान और बायोमेट्रिक से पुष्टि की जाए. कई जिलों में परीक्षा होने पर परीक्षार्थियों का सेंटर ग्रह मंडल से अन्यत्र पर पास में ही किया जाए.

इसके अलावा, दिव्यांग परीक्षार्थी को उसके गृह जनपद में सेंटर दिया जाए. महिला परीक्षार्थी को उसके गृह मंडल में ही परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाए. हर परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका को पहुंचाने और परीक्षा के बाद कोषागार में जमा करवाने की जिम्मेदारी स्टेटिक मजिस्ट्रेट को दी जाए.

प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट को स्टेटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र सुपरवाइजर व केंद्र व्यवस्थापक के सामने 45 मिनट पहले वीडियो रिकार्डिंग के साथ खोला जाए और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर सुरक्षित रखी जाए.