यूपीपीसीएस 2023 की परीक्षा के मंगलवार को आए फाइनल नतीजे में हरदोई के सात्विक श्रीवास्तव मेरिट लिस्ट में तीसरे स्थान पर चयनित हुए है. रजिस्ट्री ऑफिस में दस्तावेज लेखक के इकलौते पुत्र सात्विक ने यह परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की है. सात्विक ने इस परीक्षा को पास करने के लिए रेलवे की नौकरी छोड़ी और तैयारी शुरू की. सात्विक के पीसीएस परीक्षा पास करने की और तीसरे स्थान पर आने की खबर सुनकर उनके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. उनके रिश्तेदार, पड़ोसी उन्हें बधाइयां देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं.
हरदोई से ही की पढ़ाई
हरदोई शहर में मोहल्ला नबी पुरवा के रहने वाले रजिस्ट्री आफिस में दस्तावेज लेखक जगदीश श्रीवास्तव और चित्रा श्रीवास्तव की इकलौती संतान सात्विक श्रीवास्तव ने मंगलवार को यूपीपीसीएस के आए नतीजों में प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. सात्विक का जन्म 30 दिसंबर 1998 को हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा हरदोई में ही हुई है. यहां के सेंट जेवियर्स कालेज में उन्होंने वर्ष 2013 में हाईस्कूल की परीक्षा 10 CGPA से पास की तो वर्ष 2015 में इसी विद्यालय से वो 94.8 फीसदी अंक पाकर इंटरमीडिएट उत्तीर्ण हुए. साल 2016 में उनका एडमिशन NIT जयपुर में हुआ, जहां से वर्ष 2020 में उनकी इंजीनियरिंग पूरी हुई.
फिर बदल दी स्ट्रेटजी
साल 2021 में उन्होंने यूपीपीसीएस का पहली बार एग्जाम दिया, तब प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ. मई 2022 को उनका सलेक्शन रेलवे में जूनियर इंजीनियर पद पर हुआ. इसके बाद 14 दिन की इलाहाबाद में उनकी ट्रेनिंग हुई और उनको बांदा जनपद में पोस्टिंग मिली. 14 जून को उनका यूपीपीसीएस का प्रीलिम्स का एग्जाम था. पढ़ाई पर फोकस करने के लिए उन्होंने परीक्षा से एक सप्ताह पहले रेलवे की नौकरी से इस्तीफा देकर तैयारी शुरू की लेकिन इस बार भी प्रीलिम्स क्वालीफाई नहीं हुआ. सात्विक ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया क्योंकि एक तरफ वो रेलवे की अच्छी खासी नौकरी छोड़ चुके थे, दूसरी तरफ पीसीएस की परीक्षा में वो उत्तीर्ण नहीं हो पाए थे. फिर उन्होंने पढ़ाई और स्टडी मैटेरियल दोनों का तरीका बदला.
तीसरे प्रयास में निकाला एग्जाम
इसके बाद वर्ष 2023 के मई माह में आयोजित हुई पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा में वो न सिर्फ उत्तीर्ण हुए बल्कि मेंस और इंटरव्यू को क्वालीफाई कर परीक्षा के परिणाम में तीसरा स्थान भी प्राप्त किया. सात्विक अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता और साथ ही अपने मेंटर आशुतोष श्रीवास्तव को देते हैं. सात्विक के मुताबिक दो बार पीसीएस की परीक्षा में प्री भी न निकाल पाने और रेलवे की नौकरी छोड़ने के बाद भी उनके माता-पिता ने हमेशा उनको अपने एग्जाम पर फोकस करने के लिए कहा. उन्होंने मजबूत इरादे बनाये रखे जिसके चलते तीसरे प्रयास में प्री के बाद मेंस और फिर इंटरव्यू पास करके उन्होंने प्रदेश में तीसरा स्थान पाकर अपने परिवार का गौरव बढ़ाया है.
क्यों छोड़ी नौकरी
सात्विक श्रीवास्तव ने हमें बताया कि परीक्षा में थर्ड रैंक के साथ उन्होंने डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट प्राप्त की है. सात्विक जूनियर टेक्निकल एसोसिएट की पोस्ट पर नॉर्थ सेंट्रल रेलवे में नौकरी करते थे. लेकिन कुछ समय बाद उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी क्योंकि उन्हें ऐसा लगा कि शायद वो पूरी तरीके से जस्टिस नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर बहुत डिस्ट्रक्शन रहता है. ऑनलाइन और ऑफलाइन बहुत सारा कंटेंट है. कई सारे बच्चे यह नहीं समझ पाते कि हमारे पास जितना लिमिटेड कंटेंट रहेगा उतना ही हमारी सफलता के चांसेस बढ़ जाएंगे. नोट्स को बार-बार रिवाइज करें. साथ में जो करंट अफेयर्स की मंथली किसी भी एक अच्छी मैग्जीन को ले लें. प्रीलिम्स से कुछ महीने पहले से ही अगर मेंस के 80% सिलेबस को कंप्लीट कर लिया जाए तो पूर्ण रूप से मुझे ऐसा लगता है कि चांसेस मेंस के लिए भी पक्के हो जाते हैं.
(हरदोई से प्रशांत पाठक की रिपोर्ट)