प्राइवेट कोचिंग (Private Coaching) अक्सर अपनी कोचिंग के बाहर झूठे होर्डिंग्स लगाए रखते हैं. इन होर्डिंग्स में 100% सेलेक्शन, नौकरी पक्की जैसी बातें लिखी रहती हैं. लेकिन आने वाले समय में ऐसा करने से सजा हो सकती है. जी हां, प्राइवेट कोचिंग इंडस्ट्री को लेकर हरियाणा विधानसभा में प्राइवेट कोचिंग इंस्टिट्यूट बिल, 2024 पारित कर दिया दिया गया है. यह विधेयक कॉम्पिटिटिव एग्जाम (Competitive Exams) की तैयारी करवाने वाली प्राइवेट कोचिंग के लिए बनाया गया है. इसकी मदद से इन प्राइवेट कोचिंग को रेगुलेट किया जा सकेगा.
भ्रामक विज्ञापनों और झूठी सूचनाओं पर रोक
इस बिल के तहत अगर कोई कोचिंग इंस्टिट्यूट भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करता है या गलत सूचना प्रसारित करता है तो सजा हो सकती है. दोषी पाए जाने वाले निजी कोचिंग संस्थानों को राज्य सरकार से दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इस कानून का उद्देश्य छात्रों के हितों की रक्षा करते हुए निजी कोचिंग क्षेत्र के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है.
जुर्माना हो सकता है
विधेयक के अनुसार, प्रस्तावित कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी प्राइवेट कोचिंग संस्थान पर जुर्माना लगाया जाएगा. अगर कोई एक बार इसका उल्लंघन करता है तो उसपर ₹25,000 का जुर्माना लगेगा. जबकि अगर कोई कोचिंग इंस्टिट्यूट दूसरी बार इसका उल्लंघन करता है तो उसपर ₹1 लाख का भारी जुर्माना लग सकता है. अगर इसके बाद भी यह जारी रहता है, तो कोचिंग संस्थान का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा.
रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई जाएगी
विधेयक में जितने भी नियम दिए गए हैं उनका पालन हो सके इसके लिए डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में एक अथॉरिटी बनाई जाएगी. ये अथॉरिटी कानून के साथ-साथ इसके तहत जारी नियमों और दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगी. . इसके अलावा, प्राइवेट कोचिंग संस्थानों से संबंधित किसी भी शिकायत या शिकायत के समाधान के लिए जिला स्तर पर एक शिकायत निवारण कक्ष का गठन किया जाएगा.
मॉनिटरिंग और इंस्पेक्शन भी होगा
इस बिल के आने के बाद जिला प्राधिकरण (district authority) को किसी भी कदाचार या उल्लंघन का पता लगाने के लिए निजी कोचिंग संस्थानों की निगरानी और निरीक्षण करने का अधिकार होगा. इतना ही नहीं बल्कि इस अथॉरिटी को प्राप्त शिकायतों के जवाब में निरीक्षण करने का अधिकार भी होगा. विशेष रूप से, यह अलग-अलग परीक्षाओं में चुने गए छात्रों की संख्या के संबंध में कोचिंग संस्थानों के किए गए दावों को सत्यापित करने के लिए रिकॉर्ड की जांच करेगा.
रजिस्ट्रेशन होगा जरूरी
इस बिल के तहत, पहले से मौजूद सभी निजी कोचिंग संस्थानों को शुरू होने की तारीख से तीन महीने के भीतर खुद को रजिस्टर करना होगा. इसक उद्देश्य सभी कोचिंग संस्थानों को रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के दायरे में लाना सभी मानकों का पालन सुनिश्चित करना है. इसकी मदद से सरकार प्राइवेट कोचिंग इंडस्ट्री के भीतर अखंडता और विश्वसनीयता को बढ़ावा देना चाहती है.