हाइलाइट्स
अपनी ताकत और कमजोरियों का करें मूल्यांकन
प्रैक्टिस करते रहें लेकिन ब्रेक जरूर लें
तैयारी के दौरान मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखें
परीक्षा का सीजन शुरू हो चुका है और जो बच्चे परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, वे अभी पढ़ाई पर पूरा फोकस कर रहे हैं. मोबाइल, टैब, लैपटॉप को छोड़कर सिर्फ किताबों पर ध्यान लगा रहे हैं. रातों में भी जागकर पढ़ाई कर रहे हैं. सीबीएसई की तरफ से पिछले दिनों MCQ को लेकर एक मॉक पेपर भी जारी किया गया है. बच्चे ऐसे पेपर सॉल्व कर रहे हैं ताकि परीक्षा में अच्छे मार्क्स ला सकें.
परीक्षा के दौरान या इससे पहले बच्चे काफी दबाव महसूस करते हैं. पूरे साल तो बच्चे अच्छे से तैयारी करते हैं लेकिन कई बार आखिरी वक्त में बच्चे दबाव नहीं झेल पाते. ऐसे में बच्चे 5 आसान तरीकों से बोर्ड परीक्षा की तैयार कर सकते हैं और अच्छे मार्क्स ला सकते हैं.
अपनी ताकत और कमजोरियों का करें मूल्यांकन
- सबसे पहले यह तय करने की जरूरत है कि कौन से विषयों पर आपकी मजबूत पकड़ है और कौन से विषय आपके कमजोर हैं. ये आसान लग सकता है लेकन इसे तय करना मुश्किल है. इसका एनालिसिस करें कि किस पर आपकी अच्छी पकड़ है और जिस पर ध्यान देने की जरूरत है उसका रीविजन करें.
इसको ऐसे समझ सकते हैं. मान लीजिए कि आप गणित के 20 सवाल 5 मिनट में हल कर लेते हैं लेकिन फजिक्स या केमेस्ट्री में आपको ज्यादा वक्त लगता है, तो परीक्षा के समय पूरा फोकस फिजिक्स और केमेस्ट्री के सवाल तेजी से हल करने पर दें.
टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी
- अक्सर छात्रों की यह शिकायत रहती है कि समय ज्यादा नहीं मिला. सवाल को हल कर सकते थे लेकिन समय नहीं रहने के कारण सवाल छूट गया. ऐसे में किसी को दोष देने की बजाय खुद पर मेहनत करें. टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. समय को ध्यान में रखते हुए सारे सवाल हल करें. घर पर प्रैक्टिस के दौरान टाइम पर पूरा फोकस करें.
टाइम मैनेजमेंट के लिए ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट पेपर सॉल्व करें. समय सेट करें और ऐसा सोचें कि आप परीक्षा हॉल में ही बैठे हैं. कोशिश करें कि समय से पहले पेपर पूरा हल कर लें. ऐसा लगता है कि आप ज्यादा समय ले रहे हैं तो थोड़ा तेजी से सवाल हल करने की कोशिश करें. थोड़ी कोशिश के बाद टाइम मैनेजमेंट हो जाएगा.
प्रैक्टिस करते रहें लेकिन ब्रेक जरूर लें
- ऐसा हर किसी के साथ होता है कि परीक्षा की तैयारी के लिए हम जो टाइम टेबल तैयार करते हैं उसमें ब्रेक के लिए वक्त नहीं रखते. पढ़ाई के साथ-साथ बीच में ब्रेक जरूर लें. अगर एक दिन में 10 घंटे पढ़ाई करते हैं और दूसरे दिन 5 घंटे तो यह गलत है. थोड़ा बहुत चल सकता है लेकिन पढ़ाई के समय को समान रखने की कोशिश करें. पढ़ाई को स्ट्रेस के तौर पर नहीं लें.
मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखें
- शरीर में कोई तकलीफ होती है तो हमें पता चल जाता है लेकिन कई बार हम यह नहीं समझ पाते कि हम कब मेंटल स्ट्रेस की समस्या से जूझने लगे. ऐसे में पढ़ाई के दौरान मेंटल हेल्थ का जरूर ध्यान रखें. मेडिटेशन करें, हर रोज 3-4 गिलास पानी पीएं, टहलने जाएं...ऐसा करने से मेंटल स्ट्रेस कम होगा. कभी दोस्तों से अपनी तुलना नहीं करें. यकीन मानिये कि आपने जिस तरीके से तैयारी की है, उससे आपको परीक्षा में अच्छे मार्क्स मिलेंगे.
असेसमेंट टेस्ट पेपर सॉल्व करते रहें
- आप सारी चीजें कर रहे हैं तो परेशान होने की बिल्कुल जरूरत नहीं है. कई किताबों में असेसमेंट पेपर भी होते हैं. उन पेपर को सॉल्व करते रहें. परीक्षा जब नजदीक हो तब थोड़ा रीविजन और पेपर सॉल्व करने पर ध्यान दें. जब भी पेपर सॉल्व करने बैठें, साथ में घड़ी जरूर रखें ताकि यह पता चले कि आपने कितने समय पर में पेपर सॉल्व किया है.