इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) काशीपुर के नए पोस्ट ग्रेजुएट बैच की शुरुआत हो गई है. दो साल के एमबीए कोर्स में 321 छात्रों ने एडमिशन लिया है. इसके अलावा, 170 छात्रों ने एमबीए (एनालिटिक्स) कोर्स में दाखिला लिया है. इस साल, संस्थान ने एमबीए की सीट बढ़ाई गई हैं. सीटों की संख्या 264 से बढ़ाकर 320 कर दी गई हैं और एमबीए (एनालिटिक्स) के लिए 80 से बढ़ाकर 160 कर दी है.
5 दिन चला ओरिएंटेशन
दरअसल, एमबीए कार्यक्रम में एडमिशन पाने वाले 321 छात्रों में से 259 पुरुष और 62 महिलाएं हैं, और एमबीए (एनालिटिक्स) में एडमिशन पाने वाले 170 में से 52 पुरुष और 118 महिलाएं हैं. इसके अलावा, 9 छात्रों को डॉक्टरेट में एडमिशन दिया गया है. आईआईएम काशीपुर के एमबीए, एमबीए (एनालिटिक्स), और डॉक्टरेट (पीएचडी) कोर्स के नए बैचों (AY 2023-25) का उद्घाटन 26 से 30 जून 2023 तक आयोजित एक ओरिएंटेशन सेशन के साथ शुरू हुआ. इस समारोह में 450 से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सॉफ्टबैंक सपोर्टेड ऑफबिजनेस के को-फाउंडर और सीईओ आशीष महापात्रा और ईएक्सएल में एनालिटिक्स की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. स्वाति जैन मौजूद रहीं. आईआईएम काशीपुर के पूर्व छात्र और एसजीपीएल में रणनीति एवं अंतर्राष्ट्रीय विपणन के निदेशक आमोद त्रिपाठी विशेष आमंत्रित सदस्य थे. कार्यक्रम में आईआईएम काशीपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी, आईआईएम काशीपुर में अकादमिक डीन प्रोफेसर माला श्रीवास्तव, फैकल्टी मेंबर और भावी छात्र शामिल हुए.
छात्रों को दिया 6-H एक सिद्धांत
इस दौरान आशीष महापात्र ने छात्रों से कहा कि सभी अपने जीवन की जिम्मेदारी लें. उन्होंने जीवन के ‘छः एच’ सिद्धांत के बारे में बात की. उन्होंने कहा, “पहला एच भूख (हंगर) है, जो सपने देखने और उससे आगे हासिल करने की क्षमता पैदा करती है. दूसरा एच है कड़ी मेहनत. तीसरा एच, जो सबसे महत्वपूर्ण है, पहले दो एच को जोड़ता है और विनम्रता के बिना कुछ भी हासिल करना आसान नहीं है. उदार बनें, दूसरों को उनका समय दें. अगला एच याद रखें: हार्ड कैश, और हास्य. हास्य के बिना आप सही ढंग से जीना नहीं सीख सकते. हम भारत में 8 महीने में 200 करोड़ तक पहुंचने वाले सबसे छोटे स्टार्टअप, 21 महीने में 2000 करोड़ तक पहुंचने वाली सबसे छोटी कंपनी और 46 महीने में 10,000 करोड़ तक पहुंचने वाली सबसे छोटी कंपनी थे. कुल 1100 लोगों की टीम ने ऐसा कर दिखाया. पिछले साल हमने लगभग 19,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया."
बिजनेस और लोगों दोनों पर फोकस जरूरी- डॉ स्वाति
छात्रों को संबोधित करते हुए ईएक्सएल में एनालिटिक्स की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. स्वाति जैन ने कहा “आने वाले दो साल में आप सहयोगियों को भविष्य के लिए सुझाव देकर मदद करके आगे बढ़ने और बेहतर रिश्ते बनाने की पहल कर सकते हैं. आज अपने क्षेत्र में अपडेट रहना और अपने क्षेत्र में एक अच्छा नेटवर्क बनाना जरूरी हो गया है, खासकर लिंक्डइन पर. मैं आप सभी से कहना चाहूंगी कि रचनात्मक बनें, जागरूक रहें और अपने सहयोगियों की मदद करें. यह कुछ ऐसा है जो भविष्य में आपकी सहायता करेगा. ताकि आपका फोकस सिर्फ बिजनेस पर ही नहीं बल्कि लोगों पर हो सके.“
12 साल में बेहतर हुआ है आईआईएम काशीपुर
आईआईएम काशीपुर के निदेशक प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी ने कहा आज हम आईआईएम काशीपुर के छोटे से इतिहास में एक नया मील का पत्थर स्थापित करने जा रहा है, क्योंकि आईआईएम काशीपुर में इस साल सबसे अधिक छात्रों ने एडमिशन लिया है. पिछले साल वाले बैच की संख्या 320 छात्रों से बढ़ाकर इस साल 490 छात्रों तक कर दी गई है. पहली पीढ़ी के आईआईएम संस्थानों को इस स्तर तक पहुंचने में कई साल लग गए, लेकिन आईआईएम काशीपुर ने 12 साल में ही यह कर दिखाया है.“
छात्रों को सम्बोधित करते हुए निदेशक ने कहा, आप हिमालय में कुछ दिन रहकर बहुत कुछ सीख सकते हैं. यह ठीक ही कहा गया है कि धन्य हैं वे जो सामान्य स्थानों में सुंदर चीजें देखते हैं, जहां दूसरे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते है."
छात्रों को दी आगे बढ़ने की सीख
आईआईएम काशीपुर में अकादमिक डीन प्रोफेसर माला श्रीवास्तव ने भारतीय प्रबंधन संस्थान काशीपुर में 2-वर्षीय एमबीए कार्यक्रम के लिए आने वाले नए बैच को बधाई दी. उन्होंने छात्रों से कहा कि वे उन चेहरों को याद करें जिन्होंने उन्हें यहां पहुंचने में मदद की, और कहा “आज वे सभी लोग आपकी ओर देख रहे हैं ताकि वे सभी एक दिन कह सकें कि मैंने इस छात्र को पढ़ाया या मैंने इस छात्र की मदद की या वह मेरा दोस्त है, इसलिए उठो और जागो ताकि हम सब एक दिन ऐसा कह सकें.”
इनके अलावा, आईआईएम काशीपुर में एमबीए की चेयरपर्सन प्रो. कुमकुम भारती ने एमबीए पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम में शामिल होने के लिए प्रतिभागियों का स्वागत किया. उन्होंने धैर्य, दृढ़ता और कड़ी मेहनत के गुणों का प्रदर्शन करने के लिए 2023-25 की क्लास की सराहना की, जिसने उन्हें यहां तक पहुंचाया और आईआईएम काशीपुर में अपनी यात्रा शुरू करने के लिए इन गुणों के महत्व पर प्रकाश डाला.
देश के टॉप मैनेजमेंट इंस्टीट्यूशन में से एक बना आईआईएम काशीपुर
गौरतलब है कि आईआईएम काशीपुर ने शिक्षा मंत्रालय की जारी की गई नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ)-2023 रैंकिंग में भारत के टॉप 50 मैनेजमेंट इंस्टीट्यूशन/कॉलेजों में 19वां स्थान हासिल किया है. इतना ही नहीं बल्कि आईआईएम काशीपुर दूसरे सभी आईआईएम को पीछे छोड़ते हुए एनआईआरएफ-एआरआईआईए में टॉप 50 में शामिल होने वाला एकमात्र आईआईएम बन गया है.