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IIT Bombay Recharge Zone: छात्रों के स्ट्रेस को दूर करने की पहल! IIT बॉम्बे ने प्लेसमेंट सीजन में शुरू किया रिचार्ज जोन 

आईआईटी बॉम्बे ने अपने छात्रों के स्ट्रेस को कम करने के लिए अच्छी पहल की है. पवई कैंपस में एक 'रिचार्ज जोन' बनाया गया है. यहां आकर छात्र अपना स्ट्रेस मिटा सकते हैं. 

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हाइलाइट्स
  • प्लेसमेंट सीजन के दौरान मूड स्विंग आम समस्या 

  • पवई कैंपस में बनाया गया है 'रिचार्ज जोन'

भागदौड़ भरी जिंदगी में हम खुद पर ध्यान देना भूल जाते हैं. इस वक्त जो पीढ़ी सबसे ज्यादा स्ट्रेस लेने वाली है वो 22 से 30 साल वाली है. करियर, घर, प्लेसमेंट, हेल्थ आदि जैसी कई चीजें हैं जिनको लेकर हम दिन भर सोचते रहते हैं. हालांकि, आईआईटी बॉम्बे ने अपने छात्रों के स्ट्रेस को कम करने के लिए अच्छी पहल की है. आईआईटी बॉम्बे के छात्र कल्याण केंद्र (SWC) ने पवई कैंपस में एक 'रिचार्ज जोन' बनाया है. यहां आकर छात्र अपना स्ट्रेस मिटा सकते हैं. 

मिटा सकते हैं स्ट्रेस
 
दरअसल, प्लेसमेंट सीजन आ गया है ऐसे में इन-हाउस काउंसलर से सहायता मांगने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसी को देखते हुए पवई कैंपस में एक 'रिचार्ज जोन' बनाया गया है. इस पहल का उद्देश्य छात्रों को तनाव और चिंता से निपटने में मदद करना है. 'रिचार्ज जोन' में जाकर छात्र अलग-अलग स्ट्रेस रिलीविंग एक्टिविटी कर सकते हैं. उस रिचार्ज जोन में पालतू पशु, फुट स्पा, आर्ट और योग जैसे अलग-अलग सेशन होते हैं. इनकी मदद से छात्र अपना स्ट्रेस कम कर सकते हैं. 

प्लेसमेंट सीजन के दौरान मूड स्विंग 

एसडब्ल्यूसी के एक्टिंग इन-चार्ज शौकत अली ने प्लेसमेंट गतिविधियों के दौरान छात्रों के बीच मूड स्विंग्स के बारे में बताया. उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, "इससे निपटने के लिए, हमने उनके लिए एक रिचार्ज जोन स्थापित करने का फैसला किया है. इस जोन की जगह भी बड़ी देखकर तय की गई है." ये उस ब्लॉक के करीब है जहां प्लेसमेंट इंटरव्यू हो रहे हैं. यह पहल ऐसे समय में की गई है जब आईआईटी बॉम्बे में प्लेसमेंट सीजन शुरू हुआ है. 

छात्रों से मिल रही पॉजिटिव प्रतिक्रिया

जिन छात्रों ने 'रिचार्ज जोन’ में सेवाओं का उपयोग किया है, उन्होंने काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. एक आर्ट थेरेपी सेशन लेने वाली छात्र ने बताया कि उन्हें इससे काफी आराम मिला है. इससे वे अपना कई हद तक तनाव भूल गईं.  

कोविड-19 के बाद से लोग काउंसलिंग ज्यादा लेने लगे हैं 

एसडब्ल्यूसी के मुताबिक, इन-हाउस काउंसलर से सहायता मांगने वाले छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. खासकर ये कोविड-19 के बाद ज्यादा हुई है. ऐसे में शैक्षणिक और व्यक्तिगत दबावों से निपटने में छात्रों को बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है. और इस रिचार्ज जोन से उनकी मदद की जा सकती है.