आईआईटी दिल्ली का डंका अब विदेशों में भी बजने वाला है. आईआईटी दिल्ली ने गुरुवार को घोषणा की कि वो बहुत जल्द अबु धाबी में अपना कैंपस खोलने जा रहे हैं. फिलहाल ये एक टेंपरेरी कैंपस होगा जो कि जनवरी 2024 से शुरु हो जाएगा. आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी कैंपस में स्टूडेंट कई यूजी और पीजी कोर्सेज में एडमिशन ले पाएंगे. अबू धाबी कैंपस में मुख्य रूप से एनर्जी, सस्टेनेबिलिटी,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग, हेल्थ केयर जैसे कोर्सेज चलाए जाएंगे.
विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए लगातार हो रहे प्रोग्राम
अबू धाबी कैंपस को खास तौर पर विदेशी छात्रों के लिहाज से तैयार किया जा रहा है. आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने बताया कि यूएई के छात्रों के लिए इस वक्त जुलाई-अगस्त में तीन हफ्ते का एक प्रोग्राम चलाया जा रहा है. जिसमे हाई स्कूल के बच्चों को शामिल किया गया है. इसके पहले इसी साल 18-20 जुलाई तक समर प्रोग्राम भी अबू धाबी में चलाया गया था जिसमें आईआईटी दिल्ली की फैकल्टी और कई स्टूडेंट अबू धाबी गए थे. इस प्रोग्राम में वहां के 100 से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया था.
फॉरेन फैकल्टी भी होगी.. अधिकतर इंडियन होंगे
आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर रंगन बैनर्जी ने बताया कि अबू धाबी के कैंपस को भी इसी लिहाज से बनाया गया है कि वो आईआईटी दिल्ली के सभी स्टैंडर्ड को पूरा करें. फैकल्टी के लिए हमने अधिकतर भारतीय फैकल्टी को ही रखने का प्लान बनाया है लेकिन कोर्सेज और छात्रों की जरूरत के हिसाब से विदेशी टीचर्स को भी रखने से गुरेज नहीं किया जाएगा.
जिन छात्रों को यहां नहीं मिला एडमिशन क्या वो अबू धाबी में ले पाएंगे दाखिला?
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर प्रोफेसर रंगन बनर्जी से ये सवाल किया गया तो वो मुस्करा उठे. प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने कहा कि आईआईटी दिल्ली में एडमिशन के लिए अप्लाई करने वाले अधिकतर छात्रों को एडमिशन नहीं मिल पाता. जिन छात्रों को यहां एडमिशन मिला और वो जिस कड़े कॉम्पटीशन से गुजरकर यहां तक पहुंचे हैं, हम उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे यानी फिलहाल ऐसा कोई प्लान नहीं है कि जिन बच्चों को यहां दाखिला नहीं मिला उनको अबू धाबी में एडमिशन दे दिया जाएगा.