भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (IIT-D) ने अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली परिसर की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए. भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए.
यह पहल 'आईआईटी गो ग्लोबल' अभियान के तहत की जा रही है. आईआईटी मद्रास ज़ांज़ीबार के बाद यह दूसरा अंतर्राष्ट्रीय आईआईटी परिसर होगा. भारतीय शिक्षा मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया कि नए भारत के नवाचार और एक्सपर्टीज का एक उदाहरण, संयुक्त अरब अमीरात में आईआईटी दिल्ली परिसर भारत-यूएई दोस्ती की एक इमारत होगी.
UAE के छात्रों के लिए आउटरीच प्रोग्राम
आईआईटी दिल्ली ने पहले ही देश के अकेडमिक इको-सिस्टम के लिए अपनी पेशकश के हिस्से के रूप में UAE के स्कूली छात्रों के लिए आउटरीच कार्यक्रम शुरू कर दिया है. संस्थान ने कहा कि इंडस्ट्री के लिए शॉर्ट कोर्सेज और एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम्स जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है.
संस्थान ने यह भी कहा कि 2024 से डिग्री भी शुरू की जाएगी. आईआईटी दिल्ली - अबू धाबी में कोर्सेज कई क्षेत्रों जैसे ऊर्जा और स्थिरता, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर, गणित और कंप्यूटिंग और इंजीनियरिंग, साइंस और ह्यूमैनिटीज के अन्य विषयों को कवर करेंगे.
IIT मद्रास- ज़ांज़ीबार का भी MoU हुआ साइन
कुछ दिन पहले ही आईआईटी मद्रास-ज़ांज़ीबार कैंपस के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था. इस कैंपस की प्रभारी निदेशक, प्रीति अघलायम होंगी और यह पहला आईआईटी परिसर है जिसकी कमान एक महिला को मिली है. प्रीति का कहना है कि वह आईआईटी मद्रास की पूर्व छात्रा हैं और संस्थान और देश के लिए इतना बड़ा कुछ करना बहुत बड़ा सम्मान है.
आपको बता दें कि यूएई में आईआईटी दिल्ली के लिए एक अंतरराष्ट्रीय परिसर स्थापित करने के निर्णय की घोषणा अगस्त 2022 में की गई थी. जबकि यूएई में आईआईटी स्थापित करने के निर्णय की घोषणा फरवरी 2022 में दोनों देशों ने संयुक्त रूप से विजन स्टेटमेंट जारी करके की गई थी.