भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गुवाहाटी ने पूर्वोत्तर में अपनी तरह के पहले नैनो टेक्नोलॉजी सेंटर में माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स और नैनो एनर्जी सुविधाएं स्थापित की हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि सेंटर भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और नैनो प्रौद्योगिकी में उद्योग के साथ अकादमिक साझेदारी बढ़ाने के उद्देश्य से यह केंद्र, स्वास्थ्य देखभाल, नैनो जैव सामग्री, सूक्ष्म और नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स, नैनो-ऊर्जा उपकरणों और सेंसर के क्षेत्र में बहुआयामी अनुसंधान करेगा.
अधिकारियों के अनुसार, संस्थान 2000 की शुरुआत से नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम कर रहा है और नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों में इसका प्रमाणित रिकॉर्ड है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले महीने नए भवन का उद्घाटन किया था, जिसका निर्माण संस्थान में नैनो टेक्नोलॉजी पर मौजूदा काम से होने वाली आय से वित्त पोषित किया गया था. आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक टीजी सीताराम ने कहा कि केंद्र के शिक्षकों और विद्वानों ने अनुसंधान क्षमता का प्रदर्शन किया है, जिसके चलते कई टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हुए हैं और उत्कृष्टता के लिए कुछ केंद्र भी स्थापित किए गए हैं.
शिक्षा मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने की फंडिंग
केंद्र को शिक्षा मंत्रालय (MoE) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा वित्त पोषित किया गया था. यह 25 अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की मेजबानी करेगा जो अनुशासनात्मक, वैज्ञानिक और अनुवाद संबंधी अनुसंधान में प्रगति पर ध्यान केंद्रित करेगी. ये सभी लैब अत्याधुनिक निर्माण और परीक्षण प्रयोगशालाओं के साथ क्लीनरूम सुविधाओं से लैस है. सेंटर फॉर नैनो टेक्नोलॉजी, आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसर दीपांकर बंद्योपाध्याय ने इस बारे में बात करते हुए कहा, "केंद्र न केवल देश के बल्कि दुनियाभर के वैज्ञानिक और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन के प्रमुख प्रमुख स्रोतों में से एक बनने के लिए है. इस सेंटर का मुख्य लक्ष्य विश्व स्तरीय सुविधाएं स्थापित करना, हाई इम्पैक्ट रिसर्च प्रकाशित करना है."