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IIT इंदौर को मिले दो पेटेंट, नेक्स्ट जनरेशन इलेक्ट्रिक वाहनों और एंटी-थेफ्ट बॉयोमैट्री के लिए बनाई तकनीक

बताया जा रहा है कि इससे पहले तक आईआईटी इंदौर को विभिन्न विषयों में 11 पेटेंट मिल चुके हैं. अब और दो पेटेंट मिलने के बाद यह संख्या 13 हो गई है. आईआईटी इंदौर को जिन तकनीकों के लिए ये पेटेंट मिले हैं उनमें नेक्स्ट-जनरेशन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए किफायती पॉवर डिवाइस और एंटी-थेफ्ट फिंगरप्रिंट बॉयोमैट्री की तकनीक शामिल है.

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हाइलाइट्स
  • IIT इंदौर को मिले दो पेटेंट

  • बनाया एंटी-थेफ्ट फिंगरप्रिंट बॉयोमैट्री

नई तकनीक और नवाचार के मामले में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हमेशा से ही आगे रहे हैं. हर दिन किसी न किसी आईआईटी में कोई नया शोध या आविष्कार होता है. हाल ही में, आईआईटी इंदौर को अपनी नई तकनीकों के लिए दो पेटेंट मिले हैं. 

बताया जा रहा है कि इससे पहले तक आईआईटी इंदौर को विभिन्न विषयों में 11 पेटेंट मिल चुके हैं. अब और दो पेटेंट मिलने के बाद यह संख्या 13 हो गई है. आईआईटी इंदौर को जिन तकनीकों के लिए ये पेटेंट मिले हैं उनमें नेक्स्ट-जनरेशन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए किफायती पॉवर डिवाइस और एंटी-थेफ्ट फिंगरप्रिंट बॉयोमैट्री की तकनीक शामिल है. 

क्या हैं ये पेटेंटेड तकनीक: 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक पेटेंट के तहत नेक्स्ट-जेन  इलेक्ट्रिक वाहनों में हाई इलेक्ट्रान मोबिलिटी ट्रांज़िस्टर (एचईएमटी) तकनीक 5जी-6जी संचार को बेहतर करेगी. साथ ही, इसका उपयोग स्पेस टेक्नोलॉजी में बह किया जा सकेगा. इससे मेक इन इंडिया, नीति आयोग, जीरो एमिशन व्हीकल, आत्मनिर्भर भारत, और डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में भारत को गति मिलेगी. 

इस शोध में प्रो. शैबल मुखर्जी और उनके सह शोधकर्ता प्रो. अभिनव क्रांति व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के पीएचडी छात्र आरिफ खान और रोहित सिंह शामिल हैं.

बायोमेट्रिक मशीनें होंगी और भी सुरक्षित:

आईआईटी इंदौर को एंटी-थेफ्ट फिंगरप्रिंट बायोमेट्री सिस्टम बनाने के लिए भी पेटेंट प्राप्त हुआ है. टीम ने एक ऐसी प्रणाली बनाई है जिससे फिंगरप्रिंट मशीनों को ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकता है. इसके तहत बायोमेट्रिक मशीन से कोई किसी तरह का डाटा चुराकर या गलत तरीके से किसी जगह प्रवेश नहीं कर सकता है.