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Inspirational: खुद पास नहीं कर पाए परीक्षा तो दूसरों की मदद करने की ठानी, अब दिव्यांग छात्रों को मुफ्त में UPSC की कोचिंग दे रहे हैं जोबिन कोट्टाराम

जोबिन एस. कोट्टाराम अपने संस्थान, Absolute IAS Academy के तहत में प्रोजेक्ट चित्रासलभम शुरू किया, जो डिफ्रेंटली एब्लड यानी दिव्यांग उम्मीदवारों को मुफ्त कोचिंग देता है.

Jobin S. Kottaram (Photo: Facebook) Jobin S. Kottaram (Photo: Facebook)

यह कहानी है केरल के जोबिन एस. कोट्टाराम की जो एक मोटिवेशनल स्पीकर और Absolute IAS Academy के फाउंडर हैं. जोबिन पिछले कई सालों से वह प्रोजेक्ट चित्रासलभम के तहत दिव्यांग प्रतिभागियों को UPSC की तैयारी करा रहे हैं और वह भी बिना किसी फीस के. साल 2021 में जोबिन मे प्रोजेक्ट चित्रासलभम शुरू किया था. यह एक यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जामिनेशन प्रोग्राम है.

प्रोजेक्ट चित्रासलभम खासकर उन लोगों के लिए है, जो जीवन में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. जिनका उद्देश्य विशेष रूप से दिव्यांग छात्रों को मुफ्त में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में मदद करना है. इस प्रोजेक्ट के तहत जोबिन ने बहुत से दिव्यांग छात्रों को सही अवसर और मार्गदर्शन दिया है. 

100 प्रतिभागियों के दे रहे हैं कोचिंग 
यह पहल इसलिए जरूरी है क्योंकि यह उन लोगों को मौका देती है जिन्हें अक्सर अनदेखा किया जाता है. दिव्यांग प्रतिभागियों को अक्सर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरी चीजों तक पहुंचने में मुश्किल होती है, लेकिन प्रोजेक्ट चित्रशालाभम उन तक सभी जरूरी चीजों को पहुंचाने में मदद करता है. कई प्रतिभागियों ने इस पहल की मदद से यूपीएससी परीक्षा पास की है. वर्तमान में, यह इंस्टिट्यूट 100 छात्रों को ऑफलाइन और ऑनलाइन क्लास के जरिये मुफ्त कोचिंग दे रहा है.

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यूपीएससी परीक्षा पास करना बहुत मुश्किल है और दिव्यांगो के लिए और भी चुनौती भरा हो जाता है, लेकिन अगर हम दृढ़ निश्चय कर ले तो किसी भी चीज़ को हासिल करना संभव है. चित्रशालाभम का मतलब मलयालम में तितली है, यह नाम इस पहल के पीछे के उद्देश्य को दर्शाता है, जो कि विशेष रूप से दिव्यांग उम्मीदवारों को अपने सपने की उड़ान भरने में मदद करना है. 

कौन हैं जोबिन एस. कोट्टाराम
जोबिन कोट्टाराम का जन्म और पालन पोषण केरल के चंगनास्सेरी में हुआ है, वह हमेशा से समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहते थे. 15 साल कॉर्पोरेट में काम करने के बाद 2010 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी, और प्रिलिम्स और मेन्स एग्जाम भी पास किया, लेकिन इंटरव्यू में 2 नंबर से रह गए. जोबिन इससे निराश थे लेकिन वह समाज की भलाई के लिए काम करना चाहते थे और तब उन्हें लगा कि वह और भी कई तरीकों से लोगों की मदद कर सकते हैं.

इसी सोच के साथ 2010 में जोबिन ने IAS Academy की शुरुआत की, जहां पहले वह ऑप्शनल विषय जैसे की मलयालम और सोशियोलॉजी पढ़ाते थे. नौ साल बाद उन्होंने कोच्चि, कोड़िकोड और तिरुवनंतपुरम में तीन ऑफ़लाइन सेंटर के साथ एक अकेडमी की शुरुआत की. इसके साथ जोबिन ने यूपीएससी से जुड़ी वीडियो यूट्यूब पर डालनी शुरू कर दी, जहां एक वीडियो में, उन्होंने बताया कि विशेष रूप से दिव्यांग लोग परीक्षा कैसे दे सकते हैं.

कैसे हुई चित्रासलभम की शुरुआत 
जोबिन का कहना है कि उन्हें एक दिव्यांग छात्रा का फोन आया और उसने कहा कि उसने बहुत खोजा लेकिन सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिव्यांग लोगों के लिए कोई जानकारी नहीं मिली. बहुत खोजने के बाद उन्हें एहसास हुआ की कोई भी कोचिंग सेंटर खास कर के दिव्यांग लोगों के लिए मुफ्त क्लास नहीं देती है, और यहां से उन्हें दिव्यांग लोगों के लिए यूपीएससी की मुफ्त कोचिंग शुरू करने की प्रेरणा मिली. 

जोबिन कोट्टाराम का कहना है कि सिविल सर्विसेज में दिव्यांग लोगों का आना बहुत कम है. उनका लक्ष्य सिविल सर्विस को सभी के लिए आसान बनाना है. दिव्यांग लोग अपनी स्थिति के कारण निराश और चिड़चिडे़ हो जाते है, और कितनों को तो याद करने में भी दिक्कत होती है. पर जोबिन लगातार इन लोगों को प्रेरित कर रहे हैं.