न जाने ऐसे कितने सारे लोग होते हैं जो कोई न कोई नौकरी लेकर जिंदगी को सेटल करने में लग जाते हैं लेकिन उनके मन में कहीं न कहीं ये टीस होती है कि काश ये नौकरी न करके आईएएस की तैयारी कर ली होती. शायद यही टीस इस साल की यूपीएससी टॉपर इशिता किशोर के मन में थी. वह एक कॉर्पोरेट कंपनी में जॉब कर रही थीं लेकिन फिर कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़ी और आईएएस बनने की तैयारी करने लगीं. आज जब रिजल्ट आया तो वह ऐसे तमाम सारे लोगों के लिए एक प्रेरणा बन गईं.
मां ने पहले ही कह दिया था- तुम्हारी फर्स्ट रैंक आएगी
इशिता का परिवार मूल रूप से बिहार के पटना का रहने वाला है. इशिता के पिता संजय किशोर एयरफोर्स में विंग कमांडर थे. पिता के निधन के बाद इशिता को मां ने ही संभाला. इशिता बताती हैं कि एक बार रिजल्ट के पहले उन्होंने ऐसे ही मां से पूछ लिया था कि मां बताओ मेरी कौन सी रैंक आएगी, उस दिन मां ने कहा था तुम्हारी फर्स्ट रैंक होगी. आज जब हमने रिजल्ट देखा तो विश्वास ही नहीं हुआ. मां ने कई बार रिजल्ट को चेक करने के लिए कहा लेकिन जब लोगों के फोन आने शुरू हुए तो हम सातवें आसमान पर पहुंच गए.
रोज 7 से 8 घंटे की पढ़ाई
इशिता बताती हैं कि वह हर रोज 7 से 8 घंटे पढ़ाई करतीं थीं. हालांकि लगातार मेहनत करने के बाद भी उनका शुरू में दो बार प्रीलिम्स ही क्लियर नहीं हुआ. उस वक्त वह बहुत निराश भी हुई लेकिन फिर मां ने हिम्मत दी और दोस्तों ने भरोसा दिखाया और कहा कि तुम कर सकती हो. फिर मैंने नई स्ट्रेटजी बनाई और फिर से मेहनत करनी शुरू की. इशिता कहती हैं कि मेहनत करना तो जरूरी है ही लेकिन अपनी मेहनत को सही स्ट्रेटजी के साथ आगे बढ़ाना उससे भी ज्यादा जरूरी है.