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सरकारी स्कूल की अनोखी पहल, शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर लगाया किचन गार्डन, मिड डे मील के लिए उगा रहे हैं सब्जियां

बिहार के सरकारी स्कूल में एक किचन गार्डन लगाया गया है और पिछले काफी समय से इसे मेंटेन किया जा रहा है. इस गार्डन में उगने वाली सब्जियों का इस्तेमाल छात्रों के लिए मिड डे मील तैयार करने में किया जाता है.

Kitchen Garden in Govt. School Kitchen Garden in Govt. School
हाइलाइट्स
  • स्कूल के शिक्षक, विद्यार्थी और रसोइयों ने मिलकर विद्यालय परिसर में ही किचन गार्डन लगा रखा है.

  • किचन गार्डन में मशरुम से लेकर करीब 14 तरह की सब्जियां उगायी जाती है. 

बिहार में शिक्षा व्यवस्था और सरकारी विद्यालयों की क्या स्थिति है यह किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में, सरकारी विद्यालय का नाम सुनते ही कई तरह की बातें दिमाग में कौंधने लगती है. लेकिन जमुई जिले का एक सरकारी विद्यालय अपनी कुछ खूबियों के कारण इन दिनों चर्चा में है. इस विद्यालय की चर्चा इस बात को लेकर है कि यहां के शिक्षक सिर्फ बच्चों की पढ़ाई पर ही नहीं बल्कि उसके स्वास्थ्य पर भी ध्यान दे रहे हैं. 

इस स्कूल में बच्चों को माध्यान्ह भोजन में जैविक खेती से उगायी गई सब्जियां खिलायी जाती हैं. स्कूल के शिक्षक, विद्यार्थी और रसोइयों ने मिलकर विद्यालय परिसर में ही किचन गार्डन लगा रखा है. यह विद्यालय जिले का ऐसा एकलौता विद्यालय है जहां ऐसी पहल की गई है. 

उगाई जा रही हैं 14 तरह की सब्जियां 
खैरा प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय सखीकुड़ा आजकल चर्चा में है. जिस कारण जमुई के जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने भी हाल के दिनों में विद्यालय का निरीक्षण किया. उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापक से लेकर शिक्षकों और स्कूल के बच्चों की जमकर तारीफ भी की. क्योंकि यहां के शिक्षक, छात्र-छात्राएं और रसोइयों ने मिलकर विद्यालय में किचन गार्डन लगाया है. 

किचन गार्डन में मौसम के अनुरुप सब्जियां उगायी जाती हैं और इनकी देखभाल विद्यालय के बच्चे स्वंय करते हैं. इससे बच्चों को पढ़ाई के अलावा खेती के गुर सीखने का मौका मिल रहा है. किचन गार्डन में मशरुम से लेकर करीब 14 तरह की सब्जियां उगायी जाती है. 

होता है जैविक खाद का उपयोग
सबसे बड़ी खासियत यह है कि किचन गार्डन में किसी भी तरह के रासायनिक खाद का प्रयोग नही किया जाता है. किचन गार्डन में जैविक विधि से बने खाद का उपयोग किया जा रहा है. विद्यालय में किचन गार्डन की शुरुआत पिछले साल दिसंबर महीने से की गयी है. विद्यालय के प्रधानाध्यपक शिव कुमार चौधरी ने कहा कि इस विद्यालय के तर्ज पर जिला के अन्य विद्यालयों में भी किचन गार्डन लगाने का निर्देश जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिया है. 

विद्यालय के कक्षा आठवीं के छात्र आर्यन कुमार का कहना है कि विद्यालय में बच्चे खुद कई तरह के खाद तैयार करते हैं. छात्र पढ़ाई के अलावा लंच के वक्त किचन गार्डन में समय देते हैं. उसने कहा कि वह किसान का बेटा है. ऐसे में उसे खेती करने का तरीका भी सीखने को मिल रहा है. वह घर में खेती में अपने पापा को सहयोग भी करता है.

मिड डे मील के लिए सब्जियां 
किचन गार्डन में सब्जियां उगाने में मेहनत करने में विद्यालय की छात्राएं किसी भी हाल में छात्रों से कम नहीं हैं. छात्राओं का कहना है कि किचन गार्डन में कई तरह की सब्जियां उगायी जाती हैं. बाजार से कोई खाद नहीं लाकर खुद खाद तैयार करते हैं और गार्डन में डालते हैं. किचन गार्डन में उगायी गयी सब्जियों का उपयोग माध्यान्ह भोजन में किया जाता है. बाजार से बहुत सी सब्जियां नहीं लानी पड़ती हैं जिससे स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. 

विद्यालय के शिक्षक मनोज कुमार का कहना है एक एनजीओ के सहयोग से शुरुआत में किचन गार्डन लगाया गया था. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और बड़े तौर पर मशरुम की खेती शुरू की जाएगी. इससे बच्चों को यह भी संदेश देने का प्रयास कि अगर उनके घर में थोड़ी-सी भी जगह ऐसी है जिसका उपयोग नहीं किया जा रहा है तो वे उस जगह में जैविक तरीके से खेती कर सब्जियां या फिर कोई अन्य फसल उगा सकते हैं. 

(जमुई से राकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट)