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Net Zero Certification पाने वाली एशिया की पहली बिल्डिंग है झांसी लाइब्रेरी, Wifi से लेकर 45000 किताबों की है सुविधा

उत्तर प्रदेश में झांसी के राजकीय पुस्तकालय की सब जगह चर्चा हो रही है. दरअसल, लाइब्रेरी की इमारत एशिया की ऐसी पहली बिल्डिंग है जिसे विश्व बैंक से नेट जीरो सर्टिफिकेट मिला है.

Jhansi Library Jhansi Library
हाइलाइट्स
  • लाइब्रेरी में हैं 45000 किताबें

  • अग्त 2023 में हुआ था उद्घाटन

उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद के महानगर में कचहरी चौराहे के पास राजकीय जिला पुस्तकालय 1960 में बना है. इस पुस्तकालय को खास बनाने के लिए साल 2022 में स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अंतर्गत करीब 10 करोड़ बजट के साथ बिल्डिंग में काम शुरु किया गया था. बिल्डिंग की मरम्मत इस तरह की गई कि यहां कम से कम कार्बन एमिशन हो. 

इस इमारत में बिजली की किफायती खपत से लेकर जल प्रबंधन तक को ध्यान में रखते हुए इंतजाम किए गए हैं. अगस्त 2023 में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बिल्डिंग का शुभारम्भ किया था. लाइब्रेरी में आने वाले युवाओं के लिए निःशुल्क वाई-फाई से लेकर करीब 45 हजार किताबों की व्यवस्था है. झांसी जेडीए प्रशासन ने इस लाइब्रेरी बिल्डिंग के लिए नेट जीरो सर्टिफिकेशन का पिछले साल आवेदन किया था. जिसके बाद आईएफसी की टीम ने बिल्डिंग के मानकों की पड़ताल की. पड़ताल में सही पाए जाने पर नेट जीरो सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया. 

झांसी लाइब्रेरी

नेट जीरो सर्टिफिकेशन पाने वाली एशिया की पहली बिल्डिंग
लाइब्रेरी इंचार्ज देवेन्द्र कुमार कहते हैं कि नेट जीरो का मतलब होता है किसी भी प्रकार एनर्जी खर्च न होना और कार्बन इमिशन जीरो होना. इसके लिए यहां पर जो बिल्डिंग बनाई गई है वह पूरी तरह से सोलर पर चलती है. यह बिल्डिंग साउंड प्रूफ है. बिल्डिंग से किसी भी तरह का कार्बन इमिशन नहीं होता है. इसको ध्यान में रखते हुए IFC World की युनिट ने इसे एशिया की पहली नेट जीरो बिल्डिंग होने का दर्जा दिया है. यह बिल्डिंग अगस्त 2023 में बनकर तैयार हो गई थी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका उदघाटन किया गया था. ग्राउंड फ्लोर पर 40 हजार से ज्यादा किताबें हैं. ऊपर के फ्लोर में बच्चों के पढ़ने के लिए हॉल बनाया गया है. जिसमें प्रतिदिन 200 से ज्यादा बच्चे पढ़ने आते हैं. इन बच्चों के लिए बहुत ही न्यूनतम शुल्क रखा है. जिसमें वाईफाई इंटरनेट, कम्प्यूटर सिस्टम, साउंड प्रूफ वातावरण मुहैया कराते हैं. इससे बच्चों को पूरे दिन बैठकर पढ़ने में आसानी होती है. यहां पर आने वाले बच्चे कम्पटीशन की तैयारी करते हैं. 

(प्रमोद कुमार गौतम की रिपोर्ट)