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World Records: 9 साल के बच्चे ने गणित को बनाया खेल... 10 वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर बना गूगल बॉय

अंश राज झारखंड के देवघर में कृष्णापुरी में अपने माता-पिता के साथ रहते हैं और उनकी उम्र महज नौ साल सात महीने है.

Ansh Raj with his parents Ansh Raj with his parents

कैलकुलेटर और गूगल बॉय के नाम से मशहूर अंश राज ने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है. अंश राज ने छह अंकों वाली 26 संख्याओं का स्क्वायर रूट सिर्फ 1 मिनट में निकालकर दिखाया है. अंश राज झारखंड के देवघर में कृष्णापुरी में अपने माता-पिता के साथ रहते हैं और उनकी उम्र महज नौ साल सात महीने है. इतनी छोटी उम्र में ही उन्होंने दुनिया को अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया है.

अंश राज की उपलब्धियां
अंश ने अब तक 10 विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं. इतनी छोटी उम्र में ही वह कैलकुलेटर बॉय और गूगल बॉय के नाम से मशहूर हो चुके हैं. उनकी खासियत यह है कि वह गणित के जटिल से जटिल प्रश्नों को सेकंडों में हल कर देते हैं. उनकी ताजा उपलब्धि यह है कि उन्होंने छह अंकों वाली 26 संख्याओं का स्क्वायर रूट सिर्फ 1 मिनट में निकालकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है.

अंश को देवघर से लेकर लंदन तक सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड्स, हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, ओह एमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और अब यूएन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करा लिया है.

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कमजोरी को बनाया ताकत 
अंश के कई रिकॉर्ड्स गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए भी गए हुए हैं. अंश के माता-पिता बताते हैं कि शुरुआत से ही उसे गणित में खूब दिलचस्पी रही है. कुछ नया करने के लिए वह जीतोड़ मेहनत करता है. कई चीजों को कोडिंग के जरिए अपनी कॉपी पर लिखता है, पर अपना मुख्य फोकस कैलकुलेशन पर ही रखता है. 

आपको बता दें कि अंश अभी भी ठीक से बोल नहीं पाता है. लेकिन अपनी इस कमजोरी को उन्होंने खुद पर हावी नहीं होने दिया और अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए मेहनत की. खास बात यह है कि अंश की गणित के अलावा दूसरे विषयों में भी अच्छी पकड़ है, लेकिन गणित में उसकी विलक्षणता को दुनिया मान रही है. अंशराज अपनी कमियों को मजबूत इरादे, हौसले एवं कठिन मेहनत के बल पर खूबियों में बदलकर समाज में एक अद्वितीय उदाहरण पेश कर रहा है. 

(शैलेन्द्र मिश्रा की रिपोर्ट)