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सरकारी स्कूल के छात्रों बना रहे हैं नैनो सैटेलाइट, लॉन्च करने के लिए फंड्स देगी कर्नाटक सरकार

कर्नाटक के मल्लेश्वरम में सरकारी हाई स्कूल के छात्रों के एक समूह ने नैनो सैटेलाइट बनाया है. और इस नैनो सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए कर्नाटक सरकार ने इन छात्रों को फंडिंग देने की घोषणा की है. सरकार ने 'सरकारी स्कूली बच्चों द्वारा नैनो सैटेलाइट की डिजाइनिंग और लॉन्चिंग' परियोजना को मंजूरी दी है. जिसकी अनुमानित लागत 1.9 करोड़ रुपये है. 

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हाइलाइट्स
  • शुरू होगी ‘कर्नाटक गवर्नमेंट स्कूल स्टूडेंट्स सैटेलाइट' परियोजना

  • प्रोजेक्ट के लिए मिलेगा 12 महीनों का समय

कर्नाटक के मल्लेश्वरम में सरकारी हाई स्कूल के छात्रों केएक समूह ने नैनो सैटेलाइट बनाया है. और इस नैनो सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए कर्नाटक सरकार ने इन छात्रों को फंडिंग देने की घोषणा की है. सरकार ने 'सरकारी स्कूली बच्चों द्वारा नैनो सैटेलाइट की डिजाइनिंग और लॉन्चिंग' परियोजना को मंजूरी दी है. जिसकी अनुमानित लागत 1.9 करोड़ रुपये है. 

यह नैनोसेटेलाइट ऐसे 75 उपग्रहों में शामिल है, जिन्हें देश भर में स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में डिजाइन किया गया है. 

शुरू होगी ‘कर्नाटक गवर्नमेंट स्कूल स्टूडेंट्स सैटेलाइट' परियोजना: 

उच्च शिक्षा और आईटी/बीटी मंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण का कहना है कि ‘कर्नाटक गवर्नमेंट स्कूल स्टूडेंट्स सैटेलाइट' नाम की परियोजना इसरो और भारतीय प्रौद्योगिकी कांग्रेस एसोसिएशन (ITCA) के सहयोग से कर्नाटक साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल प्रमोशन सोसाइटी (KSTEPS) के माध्यम से लागू की जाएगी. 

केएसटीईपीएस परियोजना को लागू करने के लिए आईटीसीए के साथ एक एमओयू किया जायेगा. जिसका उद्देश्य छात्रों के बीच वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना और तकनीकी जागरूकता को बढ़ावा देना है.

हालांकि स्कूल के अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से स्कूल बंद होने के कारण डिजाइन प्रक्रिया रुक रही है. 

प्रोजेक्ट के लिए मिलेगा 12 महीनों का समय: 

मंत्री का कहना है कि नैनोसैटेलाइट डिजाइन परियोजना में अन्य सरकारी स्कूलों के छात्र भी शामिल होंगे. परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक तकनीकी विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा और इसे पूरा करने के लिए 12 महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है. 

परियोजना की प्रोग्रेस के आधार पर, केएसटीईपीएस आईटीसीए को राशि जारी करेगा और डिजाइनिंग के बाद सैटेलाइट को लॉन्च करने के लिए प्रस्तावित KGS3Sat की अनुमति IN-SPACe (इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर) से लेनी होगी.