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केंद्रीय विद्यालय का बड़ा फैसला, अब नहीं मिलेगा सांसद और डीएम के कोटे से एडमिशन

केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS)ने बड़ा फैसला लेते हुए अब सांसद और जिलाधिकारी कोटे (MP and DM quota)पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

केंद्रीय विद्यालय में एमपी कोटे के तहत एडमिशन पर रोक केंद्रीय विद्यालय में एमपी कोटे के तहत एडमिशन पर रोक
हाइलाइट्स
  • केंद्रीय विद्यालय में एमपी कोटे के तहत एडमिशन पर रोक

  • फिलहाल के लिए एमपी-जिलाधिकारी के कोटे पर रोक

केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangathan) ने सांसदों और जिलाधिकारियों के बच्चों के एडमिशन को लेकर बड़ा फैसला लिया है. अब सांसद और जिलाधिकारी कोटे (MP and District Magistrate quota)के तहत केंद्रीय विद्यालय स्कूलों में अगले आदेश तक रोक लगा दी है. 

केवीएस के एक अधिकारी ने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि विशेष प्रावधानों की लिस्ट बहुत लंबी हो गई है. सांसदों का कोटा खत्म नहीं किया गया है. अन्य सभी विशेष प्रावधानों की तरह, इसे फिलहाल के लिए रोक दिया गया है. 

सांसद कोटा के तहत हुए थे 7 हजार से ज्यादा एडमिशन

लोकसभा में शिक्षा मंत्रालय द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में 21 विशेष प्रावधानों के तहत केवी में 1,75,261 एडमिशन हुए. इसमें सांसदों के कोटे के माध्यम से 7,301 शामिल हैं, जिसके तहत प्रत्येक सांसद प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में कक्षा I से IX में प्रवेश के लिए 10 मामलों की सिफारिश कर सकता है. नियमों के तहत, 10 नाम उन बच्चों तक ही सीमित होने चाहिए जिनके माता-पिता उनके निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित हैं.
 
सांसद कोटा खत्म करने या सीटों को बढ़ाने की मांग 

कोटा 1975 में एक विशेष वितरण योजना के रूप में पेश किया गया था. इसे पहले भी कम से कम दो बार वापस लिया जा चुका है. दरअसल, 2018-19 में सांसदों के कोटे के तहत अधिकतम सीमा को पार करते हुए 8,164 दाखिले किए गए थे. 

दरअसल, बीते हफ्ते लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने देश के केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटा की सीटों को बढ़ाने या इसे खत्म करने की मांग सदन के सामने रखी थी. कई सांसदों ने इस कोटे को भेदभावपूर्ण भी बताया और इसे खत्म करने के लिए कहा गया. 

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