देश की बागडोर भले प्रधानमंत्री के हाथ में होती है लेकिन देश का मुखिया यानी प्रमुख राष्ट्रपति होता है. हम ज्यादातर मौकों पर प्रधानमंत्री को ही बोलते और देश को संबोधित करते देखते हैं. ऐसे में अधिकांश लोगों के मन में ये सवाल होगा कि आखिर देश का मुखिया यानी राष्ट्रपति करते क्या हैं, उनके पास कौन सी शक्तियां हैं. तो चलिए आपके इन सारे सवालों का जवाब देते हैं.
भारत का राष्ट्रपति देश का संवैधानिक मुखिया और भारतीय सशस्त्र बलों का कमांडर इन चीफ यानी तीनों सेनाओं का प्रमुख सेनापति होता है. राष्ट्रपति को संविधान द्वारा अनेक अधिकार मिले हुए हैं, जिसकी आज हम चर्चा करेंगे. हम राष्ट्रपति के अधिकारों को मूलतः चार भागों में बांटकर आसान भाषा में आपको बताते हैं.
कार्यपालिका संबंधी अधिकार
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 53 के अनुसार संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति के पास होगी.
विधायी अधिकार
वित्त संबंधी अधिकार
न्याय संबंधी अधिकार
राष्ट्रपति के पास क्षमादान देने का अधिकार है. सैन्य अदालत द्वारा मिले दंड, संसद के कानूनों का उल्लंघन करने पर मिले दंड तथा मृत्युदंड को भारत का राष्ट्रपति कम कर सकता है या पूरी तरह से दंड मुक्त कर सकता है. यानी मिले सजा को पूरी तरह से माफ करने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रपति के पास होता है.
इसके अलावा राष्ट्रपति को विशेष अधिकार भी मिला हुआ है. बता दें कि राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान उस पर किसी तरह का कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती है.