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MBBS in Marathi: अब मराठी में होगी मेडिकल की पढ़ाई, महाराष्ट्र सरकार अगले साल से लाने जा रही MBBS की किताबें

महाराष्ट्र सरकार की तरफ से घोषणा की गई है कि अगले शैक्षणिक वर्ष से मराठी में मेडिकल की किताबें लाई जाएगी. जिसके आने के बाद मराठी में भी MBBS की पढ़ाई कराई जाएगी. मराठी भाषा में मेडिकल की पढ़ाई शुरु होने से इस भाषा क्षेत्र से आने वाले छात्रों को काफी फायदा होगा.

MBBS in Marathi MBBS in Marathi
हाइलाइट्स
  • अगले शैक्षणिक वर्ष सरकार लाएगी मराठी में किताब

  • MP,UP और तमिलनाडु भी कर चुके हैं भाषा में पढ़ाई कराने की घोषणा

महाराष्ट्र जल्द ही मराठी में मेडिकल की पढ़ाई होगी. इसके लिए मराठी में मेडिकल की पढ़ाई के लिए पुस्तके लाने जा रही है. इसके बार में महाराष्ट्र मेडिकल शिक्षा विभाग के एक वरिष्ट अधिकारी ने बताया कि पहले दो साल के मेडिकल डिग्री कोर्स के लिए मराठी में पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने का फैसला किया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य उद्देश्य मराठी माध्यम की स्कूली पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए एक सुचारु परिवर्तन करना है. 

फेज वाइज शुरू किया जाएगा मराठी में MBBS की पढ़ाई
मेडिकल शिक्षा विभाग के सेक्रेटरी डॉ अश्वनी जोशी ने बताया कि मराठी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने के पहले चरण में मेडिकल डिग्री पाठ्यक्रमों को पहले और दूसरे वर्ष के लिए मराठी पाठ्यपुस्तकें तैयार किया जाएगा. मराठी में मेडिकल की किताबे आने पर मराठी भाषा क्षेत्र से आने वाले छात्रों को काफी सहुलियत होगी. अंग्रेजी से मराठी में किताबों का अनुवाद करने के लिए विशेषज्ञों और डॉक्टरों की एक टीम बनाई जाएगी. मेडिकल की कीताबे मराठी में अनुवाद होने के बाद मेडिकल के विशेषज्ञों से जांच भी कराई जाएगी. इसके साथ ही डॉ अश्वनी जोशी ने बताया कि मराठी भाषा में मेडिकल की किताबे आने के बाद मराठी भाषा में ही इसकी परीक्षा कराने पर भी विचार किया जाएगा. 

महाराष्ट्र इन राज्यों ने भी की क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा देने की घोषणा
महाराष्ट्र चौथा राज्य होने जा रहा जो क्षेत्रीय भाषा में मेडिकल की पढ़ाई कराने जा रहा है. महाराष्ट्र से पहले मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु ने क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई कराने के लिए घोषणा कर चुकी है. तमिलनाडु में तो तमिल भाषा में कुछ मेडिकल पाठ्यक्रमों का अनुवाद भी किया गया है. क्षेत्रीय भाषा में उच्च स्तर की पढ़ाई के इस कदम को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. ये सिर्फ मेडिकल की नहीं इंजिनीयरिंग में भी अपनाया जा रहा है. उच्च स्तर की शिक्षा क्षेत्रीय भाषा में देने के पीछे का एक कारण उन छात्रों को बेहतर तरीके से उनकी भाषा में शिक्षा देना है.