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एक ऐसा स्कूल जहां छात्र एक-दूसरे के टीचर बन लिख रहे हैं कामयाबी की इबारत

स्कूल के ये छात्र रोज़ सुबह से शाम तक स्टडी क्लब के जरिये एक दूसरे को पढ़ाते हैं. जो छात्र मैथ्स में अच्छे हैं वो मैथ्स में कमजोर छात्रों को पढ़ाते हैं. ठीक इसी तरह बाकी सभी सबजेक्ट में भी किया जाता है. ये छात्र एक दूसरे की मदद कर हर मुश्किल को आसान करते हैं और अच्छी बात ये है कि यहां पर हजारों छात्र कंबाइंड स्टडी के तरीके को अपना रहे हैं. नदी किनारे बसे इस स्कूल का नाम तीरथ सागर है.

छात्र छात्र
हाइलाइट्स
  • उत्तर प्रदेश के महोबा ज‍िले में है ये स्कूल

  • ब‍िना टीचर और प्र‍िंस‍िपल के चलता है ये स्कूल

बेहतर एजुकेशन हर कोई लेना चाहता है लेकिन कई बार संसाधनों की कमी की वजह से रास्ते मुश्किल होते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के महोबा में एक ऐसा स्कूल है जो अपने आप में मिसाल है सही मायनों में ये स्कूल ही असली शिक्षा का मंदिर है. तभी तो इस मंदिर में टीचर नहीं होने के बावजूद भी टीचर की कमी महसूस नहीं होती. यहां पर छात्र ही एक दूसरे के टीचर बन गए हैं और एक दूसरे को पढ़ाते हैं, और जिदंगी में आगे बढ़ने की कवायद सच साबित करते दिखाई देते हैं. इस स्कूल का नाम तीरथ सागर है.

स्कूल के ये छात्र रोज़ सुबह से शाम तक स्टडी क्लब में एक दूसरे को पढ़ाते हैं. जो छात्र मैथ्स में अच्छे हैं वो मैथ्स में कमजोर छात्रों को पढ़ाते हैं. ठीक इसी तरह बाकी सभी सबजेक्ट में भी किया जाता है. ये छात्र एक दूसरे की मदद कर हर मुश्किल को आसान करते हैं और अच्छी बात ये है कि यहां पर हजारों छात्र कंबाइंड स्टडी के तरीके को अपना रहे हैं. नदी किनारे बसे इस स्कूल से आज तमाम छात्र देश मे बड़े बड़े पदों पर बैठे हैं. 

इस स्कूल में ये छात्र सरकारी नौकरी, और प्रशासनिक सेवाओं के लिए तैयारी करते है. बिना किसी टीचर और प्रिंसिपल के चलने वाले इस स्कूल में हर रोज छात्र खुद से एक टॉपिक उठाते हैं और एक दूसरे का पढ़ाते हैं. आज कल ये लोग चुनावों पर भी चर्चा कर रहे हैं और राज्य की राजनीति पर फोकस कर रहे हैं ताकि आने वाले एग्जाम में बेहतर कर सकें. इनका कहना है कि बुंदेलखंड में शिक्षा के क्षेत्र का प्रसार होना चाहिए वही सरकारी नौकरियां ज्यादा निकले जिससे लोगो को बेहतर विकल्प मिल पाए.