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जन्मदिन विशेष: इस स्वतंत्रता सेनानी की याद में मनाया जाता है National Education Day

11 नवंबर, 1888 को अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन के रूप में जन्मे मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे उल्लेखनीय नामों में से एक हैं. उन्हें भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में भी जाना जाता है. और उन्हीं की याद में, उनके जन्मदिन को 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' के रूप में मनाया जाता है.

मौलाना आज़ाद मौलाना आज़ाद
हाइलाइट्स
  • 11 नवंबर को मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

  • मौलाना आज़ाद थे देश के पहले शिक्षा मंत्री

11 नवंबर, 1888 को अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन के रूप में जन्मे मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे उल्लेखनीय नामों में से एक हैं. उन्हें भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में भी जाना जाता है. और उन्हीं की याद में, उनके जन्मदिन को 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' के रूप में मनाया जाता है. 

मौलाना आज़ाद सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं, बल्कि एक विद्वान, कवि, पत्रकार और शिक्षक भी थे. उनका कहना था कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जानी चाहिए. उन्होंने न सिर्फ महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया बल्कि 14 साल की उम्र तक के सभी बच्चों के लिए निशुल्क सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा की वकालत भी की. 

आज उनके जन्मदिन के मौके पर जानिए उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें:

1. उन्हें लोगों के बीच प्यार से मौलाना आज़ाद के रूप में याद किया जाता है. उन्होंने 'आज़ाद' (स्वतंत्र) को अपने कलम नाम के रूप में अपनाया था.

2. उनका जन्म 1888 में मक्का में हुआ था. उनके पिता दिल्ली के स्कॉलर थे जो सिपाही विद्रोह के दौरान मक्का चले गए थे. 1890 में अपने परिवार के साथ भारत लौटने के बाद, आज़ाद ने घर में रहकर ही पढ़ाई की. उन्होंने उर्दू, हिंदी, फ़ारसी, बंगाली, अरबी और अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में महारत हासिल की.

3. 12 साल की उम्र में मौलाना आज़ाद एक लाइब्रेरी, रीडिंग रूम और डिबेटिंग सोसाइटी चलाते थे. 14 साल की उम्र में वह अपनी उम्र से दोगुनी उम्र के छात्रों को पढ़ाते थे. और 16 साल की उम्र में उन्होंने एक काव्य पत्रिका प्रकाशित करते थे और एक साप्ताहिक के संपादक थे. 

4. वह ब्रिटिश राज की आलोचना करने वाले और भारतीय राष्ट्रवाद का समर्थन करने वाले पत्रकार के रूप में उभरे. बाद में वह खिलाफत आंदोलन के नेता बने.

5. मौलाना आज़ाद गांधी जी की विचारधारा से प्रभावित थे और उन्होंने 1919 के रॉलेट एक्ट के विरोध में असहयोग आंदोलन को संगठित करने का काम किया.

6. वह 35 वर्ष की आयु में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में सेवा करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने. 

7. स्वतंत्र भारत में वह देश के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त हुए. 

8. उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के साथ-साथ प्रथम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) की स्थापना की गई. उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी संकाय के विकास पर भी जोर दिया. 

9. भारत भर में आज कई संस्थानों को उनके सम्मान में नामित किया गया है - जैसे नई दिल्ली में मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज; भोपाल में मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान; हैदराबाद में मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय; कोलकाता में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अलीगढ़ में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मौलाना आज़ाद पुस्तकालय और जम्मू में मौलाना आज़ाद स्टेडियम आदि. उनका निवास अब मौलाना आज़ाद संग्रहालय है.

10. 1992 में, उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.