यूपी के जौनपुर जिले की अंशिका पटेल को अमेरिका के वाशिंगटन एंड ली यूनिवर्सिटी में 100 प्रतिशत की स्कॉलरशिप मिली है. अंशिका आज अमेरिका के लिए उड़ान भरेंगी. अंशिका पटेल का वाशिंगटन एंड ली यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स एंड मैथमेटिक्स से स्नातक की पढ़ाई के लिए चयन हुआ है. 18 वर्षीय अंशिका पटेल ने बताया कि उन्हें अभी भी याद है कि जब उनके कंप्यूटर स्क्रीन पर WLU का एक ईमेल आया, तो उन्हें लगा कि यह फ्रॉड है. उन्होंने खुद को कई बार अपने ईमेल में लॉग इन और लॉग आउट किया. फिर अंशिका ने वो ईमेल अपने शिक्षक को दिखाया और उन्होंने कहा कि हां, यह WLU का ही ईमेल है.
अंशिका पटेल का जौनपुर के एक छोटे से गांव से वाशिंगटन का सफर बहुत कठिन रहा है. विद्याज्ञान (VIDYAGYAN) जाने से पहले अंशिका ने कई सालों तक बिजली के बिना लालटेन जलाकर पढ़कर पढ़ाई की है. अमेरिका के लिए उड़ान भरने वाली अंशिका ने कई आर्थिक कठिनाइयों से भी संघर्ष करके यह मौका हासिल किया है. वह बताती हैं कि जब मैं पाँचवीं कक्षा में थी, मैंने अपने पिता से गणित की पाठ्यपुस्तक मांगी, जिसे खरीदकर देने के लिए उन्होंने मना कर दिया था. अंशिका पटेल की मां सिलाई करती हैं और पिता दवाई की दुकान पर काम करते हैं. एक कॉल ने बदली जिंदगी
अंशिका के तीन बहने और दो भाई है. उन्होंने पांचवीं कक्षा तक की शिक्षा अपने गांव के एक प्राथमिक विद्यालय से पूरी की है. 2015 में अंशिका ने विद्याज्ञान में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम दिया था जिसमें वो पास हो गईं. बुलंदशहर में स्थित विद्याज्ञान यूपी के ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को पढ़ने का एक सुनहरा मौका देता है. अंशिका का मानना है कि विद्याज्ञान के एक कॉल ने उनकी जिंदगी ही बदल दी. उनके लिए विद्याज्ञान घर जैसा है. मां से मिली प्रेरणा
अंशिका को अपनी मां शोभा देवी से अर्थशास्त्र पढ़ने की प्रेरणा मिली है. उनकी मां एक टेलर हैं, वो घर से बाहर सिलाई का काम करती हैं. घर के कामों के साथ सिलाई का काम बहुत कठिन है. उनकी मां कई महिलाओं को स्वतंत्र बनने के लिए उन्हें सिलाई करना सिखाती हैं. अंशिका ने अपनी मां के जरिए महसूस किया कि कैसे महिलाओं का आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना परिवार में बदलाव ला सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए अंशिका ने अपनी ग्रेजुएशन में अर्थशास्त्र को चुना. अंशिका आगे चलकर अर्थशास्त्री बनना चाहती हैं, ताकि समाज में मौजूद वित्तीय समस्याओं के समाधान पर काम कर सकें.