पूरे देश में नीट (यूजी) NEET (UG) 2024 परीक्षा में कथित धांधली को लेकर बवाल मचा हुआ है. इसी बीच केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है.
शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ियों को रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए एक सात सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी का अध्यक्ष इसरो (ISRO) के पूर्व चेयरमैन और IIT कानपुर के पूर्व डायरेक्टर के. राधाकृष्णन (K Radhakrishnan) को बनाया गया है. यह कमेटी दो महीने में शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगी.
हाई लेवल कमेटी में ये लोग हैं शामिल
इस हाई लेवल कमेटी में के राधाकृष्णन के अलावा एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीजे राव, आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर एमिरिटस राममूर्ति के, पीपुल स्ट्रांग के सह संस्थापक पंकज बंसल और आईआईटी दिल्ली के डीन (छात्र मामले) प्रो. आदित्य मित्तल को शामिल किया गया है. यही नहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल को सदस्य सचिव बनाया गया है.
क्या काम करेगी कमेटी
शिक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार इस उच्च स्तरीय कमेटी को बनाने का उद्देश्य एनटीए की ओर से आयोजित परीक्षाओं के पारदर्शी और कदाचार मुक्त आयोजन के लिए सुझाव देना है. इसके लिए वह परीक्षा की प्रक्रिया का शुरू से लेकर अंत तक विश्लेषण करेगी और तंत्र में सुधार के लिए सुझाव देगी. जिससे किसी संभावित लीकेज को टाला जा सके.
यह कमेटी एनटीए की मानक परिचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की भी समीक्षा करेगी और एसओपी तथा निगरानी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए सुझाव देगी. इसके साथ ही यह कमेटी एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रिया और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करेगी और इसके सुधार को लेकर सिफारिश करेगी. यह समीति एनटीए के हर स्तर के पदाधिकारियों की भूमिका और उनकी जिम्मेदारी की जांच भी करेगी.
क्या लिखा है शिक्षा मंत्री ने धर्मेंद्र प्रधान ने
शिक्षा मंत्री ने धर्मेंद्र प्रधान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर लिखा, 'ट्रांसपरेंसी, टेंपर-फ्री और जीरो- एरर एग्जाम कराना एक प्रतिबद्धता है. एक्सपर्ट्स की हाईलेवल कमेटी का गठन परीक्षा प्रक्रिया की दक्षता में सुधार, सभी संभावित कदाचारों को समाप्त करने, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करने और एनटीए में सुधार करने के लिए उठाए गए कदमों की सीरीज में पहला कदम है. छात्र हित और उनका उज्ज्वल भविष्य हमेशा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी.'
कही थी यह बात
इससे पहले 20 जून के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनटीए के कामकाज की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाए जाने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने एनटीए के अधिकारियों सहित दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाने की भी बात कही थी. केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा था कि हमें अपनी व्यवस्था पर भरोसा रखना चाहिए और सरकार किसी भी प्रकार की अनियमितता या कदाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी.
क्या है NTA
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2017 में अपने बजट भाषण में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के गठन की घोषणा की थी. इसका काम है देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन और स्कॉलरशिप के लिए क्वालिटी टेस्टिंग सर्विस देना यानी एग्जाम कराना है.
ऐसे स्कूल और कॉलेज की पहचान करना है, जहां ऑनलाइन एग्जाम कराए जा सकें. एजुकेशनल, प्रोफेशनल और टेस्टिंग सिस्टम पर रिसर्च करना भी इसका काम है. इसके अलावा टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से सभी सब्जेक्ट्स के लिए एक क्वेश्चन बैंक तैयार करना, प्रश्न पत्र सेट करने के लिए एक्सपर्ट्स और संस्थानों का चुनाव करना भी एनटीए का काम है.
9 दिनों में किए तीन एग्जाम कैंसिल
NTA ने गत नौ दिनों में तीन एग्जाम को कैंसिल किया है. पिछले शुक्रवार की शाम CSIR UGC NET परीक्षा स्थगित कर दी थी. यह एग्जाम 25-27 जून के बीच होना था. परीक्षा स्थगित करने की वजह रिसोर्सेस की कमी बताई गई है. 19 जून को गड़बड़ियों की आशंका के बाद NTA ने यूजीसी नेट की परीक्षा रद्द कर दी थी. इससे पहले 12 जून को नेशल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट रद्द कर दिया गया था. NEET UG एग्जाम में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट्स के लिए 23 जून को रीएग्जाम होना है.