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मंदसौैर: ASI की पहल से बदल रही है जिंदगी, अपने पैसे खर्च कर पढ़ा रहे पिछड़े समुदाय के बच्चों के

मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस की एक बहुत ही अच्छी पहल सामने आई है. पुलिस की इस एक पहल से आज बहुत से छात्रों का जीवन संवर रहा है.

ASI helping scheduled caste children in education ASI helping scheduled caste children in education
हाइलाइट्स
  • बच्चों के लिए नियुक्त की टीचर

  • समुदाय को आगे बढ़ाने का है लक्ष्य

मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के गांधी सागर थाना प्रभारी एएसआई लाखन सिंह राजपूत की मेहनत अब रंग ला रही हैं. एक साल पहले लाखन सिंह गांधी सागर थाने में नियुक्त हुए थे. उन्होंने थाना क्षेत्र के नावली गांव का दौरा किया और देखा कि अनुसूचित जाति के कई बच्चे  पढ़ाई नही कर पा रहे हैं. ऐसे में उन्होंने थाना स्टाफ के साथ मिलकर बच्चों के लिए स्किल क्लास शुरू की. 

बच्चों के लिए नियुक्त की टीचर
इन बच्चों को पढ़ाने के लिए इसी समुदाय की एक लड़की पार्वती को भी रखा गया. समय-समय पर एएसआई लाखन सिंह राजपूत व उनका स्टाफ यहां आकर बच्चों की प्रोग्रेस चेक करते हैं. साथ ही, सभी लोग मिलकर बच्चों की पढ़ाई के खर्च के साथ-साथ स्कूल बैग, पानी की बोतल, पेन-कॉपी, किताब आदि का खर्च भी उठा रहे हैं. 

बस्ती में पुलिस अक्सर इन सभी बच्चों से मिलने आती रहती है. यहां के कई बच्चे गांव के स्कूल में भी पड़ने जाते है. पार्वती को क्लासेज के लिए सैलरी दी जाती है. ये सभी खर्च एएसआई और उनके दूसरे पुलिस साथी मिलकर उठा रहे हैं. पार्वती कहती हैं कि यह पुलिस की नेक पहल है. एएसआई लाखन ने यहां की तस्वीर बदल दी है. 

समुदाय को आगे बढ़ाने का है लक्ष्य
गांधीसागर थाने के अंतर्गत नावली गांव आता है और यहां अनुसूचित जाति के कुछ गरीब व अत्यंत पिछड़े परिवार रहते हैं. लाखन सिंह ने देखा कि ये समुदाय अशिक्षा और सामाजित कुरीतियों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं. उनके बच्चे भी उनकी तरह जी रहे है. इसलिए लाखन सिंह को लगा कि यहां एक पहल जरूरी है. 

एक साल पहले उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर बच्चों की कलासेज शुरू कराई. पूरा स्टाफ इस अभियान से जुड़ा हुआ है और बीच-बीच में जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं. व्हाट्सएप के जरिए सभी एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं और क्लास की मॉनिटरिंग करते हैं.  इस क्लास का खर्च ग़ांधी सागर पुलिस थाना उठाता है.

(आकाश चौहान की रिपोर्ट)