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Books on Wheels की अनोखी मुहिम! पुरानी किताबें देने के बाद छात्रों को मिलेंगी कोर्स की बुक्स, जानिए पूरा मामला

Mumbai Books on Wheels: मुंबई के चुना भट्टी इलाक़े में अशोक कुर्मी ने अनोखी पहल शुरू की हैं. उन्होंने पुरानी किताबों के बदले छात्रों को कोर्स की किताबें देने का एक प्रयास किया हैं. बुक्स ऑन विल्स नाम की मुहिम को काफी लोगों ने सहराया है.

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हाइलाइट्स
  • Books on Wheels की अनोखी पहल

  • पुरानी किताबों के बदले छात्रों को मिलेगी बुक्स

BOOKS ON WHEELS: एक व्यक्ति के जीवन में किताबों का काफ़ी योगदान होता है. बचपन से ही जब एक व्यक्ति के जीवन में शिक्षा शुरू होती है, तो वह किताबों और उसमे बसे ज्ञान के सहारे आगे बढ़ते है और 1 से लेकर 12वीं तक कक्षा तक प्रमोट होते है. मगर जैसे जैसे हम हर कक्षा पार करते है वैसे-वैसे हमारे लिए पिछली कक्षा की किताबों का महत्व खत्म हो जाता है. नयी कक्षा में जाने के बाद पुरानी किताबें खराब हो जाती है या फिर हम उन किताबों को रद्दी में दे देते हैं.

देश में पिछले कुछ सालो में शिक्षा का स्तर काफ़ी बढ़ा है और शिक्षा का स्तर बढ़ने के साथ-साथ पढ़ाई करना भी काफ़ी महगा हुआ है.  ऐसे में कितने ही बच्चें ऐसे है जो पैसे की कमी की वजह से शिक्षा नहीं ले पाते है और कुछ ऐसे भी होते हैं, जिन्हें बेहद मुश्किलों और कम साधनों के साथ पढ़ाई करनी पड़ती है. जिनमे कुछ बच्चो के पास तो किताब भी नहीं होती. अपनी कक्षाओं की बच्चों को इन समस्याओं का सामना ना करना पड़े, इसके लिए मुंबई के रहने वाले अशोक कुर्मी ने 'Books on Wheels' के नाम से एक मुहिम शुरू की है.

गरीब बच्चों को मिलेगी मदद

इस मुहिम के अन्तर्गत उन बच्चों और लोगो की मदद करने की कोशिश की जा रही है, जो नई किताबें नहीं ख़रीद सकते. इस बुक्स ऑन विल्स से आप नि:शुल्क किताबें ले कर जा सकते है. मगर आपकों दूसरों की मदद के लिए आपकी पुरानी किताबें देनी पड़ेगी. जैसे के किसी छात्र ने अभी 5 कक्षा पास की और वह अब 6 में जा रहे है, तो वह यहां आ सकता है अपनी पुरानी किताबें यह देकर अपनी नई कक्षा की किताब ले जा सकता है.

मुंबई में 'बुक्स ऑन विल्स' की शुरुआत

यह मुहिम अभी मुंबई के चुना भट्टी इलाक़े के लिए शुरू की गई है जहाँ पर शाम को 5 से रात को 8 बजे तक पहुंच सकते हैं. इस मुहिम से उन लोगो का तो लाभ हो ही रहा है तो किताब नहीं ख़रीद सकते. वही एक और लाभ और दिख रहा है कि यहां की किताबें रद्दी में नहीं, बल्कि किसी छात्र का भविष्य सवारेगी.