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NALSAR बनी देश की पहली यूनिवर्सिटी जहां बनाए जा रहे हैं Gender Neutral स्पेस, ट्रांस पॉलिसी पर भी हो रहा है काम 

यूनिवर्सिटी में जेंडर न्यूट्रल हॉस्टल के लिए भी योजनाएं चल रही हैं. एकेडमिक ब्लॉक पर बने वॉशरूम को भी जेंडर न्यूट्रल बाथरूम के रूप में बनाया गया है. कुलपति फैजान मुस्तफा के मुताबिक यूनिवर्सिटी का उद्देश्य सभी के लिए एक सुरक्षित और समावेशी कैंपस बनाना है.

LGBTQ LGBTQ
हाइलाइट्स
  • जेंडर न्यूट्रल हॉस्टल भी बनाए जाएंगे 

  • यूनिवर्सिटी में बनाई जा रही है ट्रांस पॉलिसी 

जेंडर न्यूट्रल ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट के बाद अब हैदराबाद की नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च (NALSAR) यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ ने जेंडर न्यूट्रल स्पेस बनाने की घोषणा की है. ये कदम नालसार ने अपनी ड्राफ्ट हो रही ट्रांस पॉलिसी के तहत उठाया है. अब यूनिवर्सिटी में जगह जगह आपको जेंडर न्यूट्रल स्पेस वाली जगहें मिल सकेंगी.  बता दें  इसकी जानकारी नासलार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से दी है. 

LGBTQ कम्युनिटी के लिए अलग कमरें 

ट्वीट करते हुए एक कमरे की फोटो शेयर की गई है जिसके दरवाजे पर “जेंडर न्यूट्रल” लिखा हुआ है. ये कमरे एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) कम्युनिटी के लिए बनाए जायेंगे. अब किसी भी एलजीबीटीक्यू समुदाय के सदस्य को किसी बॉयज कॉमन रूम ता गर्ल्स कॉमन रूम में नहीं जाना होगा. कुलपति फैजान मुस्तफा के मुताबिक यूनिवर्सिटी का उद्देश्य सभी के लिए एक सुरक्षित और समावेशी कैंपस बनाना है.

जेंडर न्यूट्रल हॉस्टल भी बनाए जाएंगे 

नालसार ने ट्विटर पर ये भी लिखा कि यूनिवर्सिटी में जेंडर न्यूट्रल हॉस्टल के लिए भी योजनाएं चल रही हैं. एकेडमिक ब्लॉक पर बने वॉशरूम को भी जेंडर न्यूट्रल बाथरूम के रूप में बनाया गया है.  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रो. बालाकिस्ता ने बताया कि ये सभी कदम इंस्टीट्यूट को और ज्यादा समावेशी और सभी के लिए आरामदायक बनाने के लिए उठाया जा रहा है. यूनिवर्सिटी पहले से ही LGBTQ+ समुदाय की चिंताओं को दूर करने के लिए एक ड्राफ्ट पॉलिसी पर काम कर रही है.

यूनिवर्सिटी में बनाई जा रही है ट्रांस पॉलिसी 

गौरतलब है कि जून 2015 में, एक 22 साल के बीए एलएलबी के छात्र ने ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट में अपना जेंडर न लिखने का अनुरोध किया था. यूनिवर्सिटी ने तुरंत इस बात को स्वीकारते हुए जेंडर की जगह पर "एमएक्स" इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी.  

कुलपति मुस्तफा के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने छात्रों से उनकी पसंद के हिसाब से खुद को आइडेंटिफाई करने की इजाजत दी है. उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए सुरक्षित और समावेशी जगह बनाना चाहते हैं. जिस ट्रांस पॉलिसी को हम अपना रहे हैं, उसके मुताबिक कैंपस में और बदलाव होंगे. '