scorecardresearch

NCERT Political Science Book Change: 12वीं कक्षा का सिलेबस चेंज... पॉलिटिकल साइंस की किताब से बाबरी मस्जिद का जिक्र हटा... गोधरा से PoK तक हुए ये बड़े बदलाव

NCERT 12th Political Science Book Update 2024: कक्षा 12वीं की Political Science Book में अब बाबरी मस्जिद नाम के बजाय इसे केवल तीन गुंबद संरचना के रूप में पढ़ाया जाएगा. अयोध्या मामले से जुड़ी जानकारी को घटाकर आधा कर दिया गया है. यह 2014 के बाद से एनसीईआरटी पुस्तक का चौथा संशोधन है. 

NCERT Political Science Book Change (Symbolic Photo) NCERT Political Science Book Change (Symbolic Photo)
हाइलाइट्स
  • एनसीईआरटी ने अयोध्या पर संवेदनशील संदर्भों को हटाया और नया विषय जोड़ा

  • बाबरी मस्जिद नाम के बजाय इसे तीन गुंबद संरचना के रूप में पढ़ाया जाएगा

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक (Political Science Book) में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. बाबरी मस्जिद, रथयात्रा, कारसेवा और विध्वंस के बाद की हिंसा की जानकारी को NCERT की नई किताब से हटा दिया गया है. बाबरी मस्जिद नाम के बजाय किताब में इसे केवल  तीन गुंबद संरचना के रूप में पढ़ाया जाएगा.

अयोध्या मामले से जुड़ी जानकारी को घटाकर आधा कर दिया गया है, जो पहले चार पेज में थी, अब वह दो पेज में है. यह 2014 के बाद से एनसीईआरटी पुस्तक का चौथा संशोधन है, जो नवीनतम राजनीतिक विकास के आधार पर अपडेट को दर्शाता है. नई किताब 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए लागू की जाएगी. इसका उद्देश्य शैक्षिक सामग्री को समकालीन राजनीतिक घटनाओं के साथ जोड़ना है.

किए गए हैं ये प्रमुख बदलाव
1. बाबरी मस्जिद संदर्भ को हटाया: बाबरी मस्जिद शब्द की जगह तीन गुंबद वाली संरचना कर दिया गया है.
2. अयोध्या अध्याय की कमी: सामग्री को चार पृष्ठों से घटाकर दो पृष्ठ कर दिया गया है. इसमें भगवान राम की रथ यात्रा, कार सेवकों की भूमिका, बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद की हिंसा और राष्ट्रपति शासन का वर्णन शामिल है.
3. ऐतिहासिक विवरणों में संशोधन: पहले बाबरी मस्जिद को 16वीं सदी की मस्जिद के रूप में वर्णित किया गया था, जिसे मीर बाकी ने बनवाया था. अब इसे 1528 में भगवान राम के जन्मस्थान पर बनाई गई संरचना के रूप में वर्णित किया गया है, जिसमें हिंदू चित्रकला और मूर्तियों का उल्लेख है.
4. कानूनी और साम्प्रदायिक वर्णन में परिवर्तन: पुरानी किताब में 1986 में फैजाबाद जिला अदालत के निर्णय का विवरण दिया गया था, जिसने मस्जिद को पूजा के लिए खोलने का आदेश दिया था. इससे साम्प्रदायिक तनाव और दंगे हुए.
5. नई किताब इन घटनाओं का संक्षेप वर्णन करती है. इसमें तीन गुंबद वाली संरचना खोलने और इसके बाद के कानूनी और साम्प्रदायिक संघर्षों का उल्लेख है.
6. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय शामिल: नए संस्करण में सुप्रीम कोर्ट का 2019 का निर्णय शामिल है. इसमें विवादित भूमि को मंदिर के लिए माना गया था.
7. दृश्य सामग्री: कल्याण सिंह सरकार को हटाने से संबंधित समाचार पत्र की कटिंग को हटाया गया है.
8. गुजरात दंगों का अध्याय: गुजरात दंगों का उल्लेख लोकतांत्रिक अधिकारों के अध्याय से हटा दिया गया है.
9. लेफ्ट: पहले 'लेफ्ट' का मतलब किताब में था गरीबों का साथ देने वाले लोग और उनके फायदे के लिए सरकारी नीतियां. लेकिन अब के वर्जन में 'लेफ्ट' का मतलब बदल गया है. नई किताब में 'Left' उन्हें कहा गया है जो खुली प्रतिस्पर्धा की बजाय अर्थव्यवस्था पर सरकारी नियंत्रण चाहते हैं.
10. PoK: पहले की किताब में लिखा था कि पाकिस्तान विवादित क्षेत्र को 'आजाद पाकिस्तान' कहता है, जबकि भारत इसे अवैध कब्जे वाला क्षेत्र मानता है. नए संस्करण में लिखा है कि भारत इस क्षेत्र को पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (POJK) कहता है.
 

सम्बंधित ख़बरें

(अनमोल नाथ बाली की रिपोर्ट)