शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को लेकर लगातार केंद्र सरकार की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं. फिर चाहें वो स्कूली शिक्षा में स्लेबस में बदलाव की बात हो या फिर अलग तरीके से नए पैटर्न को अपनाने का प्रयास हो. नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर फाउंडेशन स्टेज (NCFFS) तैयार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक विशेषज्ञ नियुक्त पैनल अब बहुत जल्द 12वीं के बोर्ड के एग्जाम को दो बार कराने की सिफारिश कर सकता है. इसके अलावा कक्षा 11 और 12 में साइंस,आर्ट्स और कॉमर्स के पाठयक्रम को आसान करने की भी सिफारिश की जा सकती है.
छात्र अपने अनुसार दे सकेंगे परीक्षा
इसके अलावा सदस्यीय संचालन समिति कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए बड़े बदलाव पर विचार कर रहा है. इसमें कक्षा 10 के छात्रों के लिए समिति एक वार्षिक प्रणाली का सुझाव दे सकती है.कक्षा 12वीं की परीक्षा में छात्र अपने हिसाब से उन पेपर की परीक्षा दे सकते हैं जिनकी तैयारी उन्होंने पहले से कर रखी हो. बाकी बचे पेपर को दूसरे सेमेस्टर के एग्जाम में दे सकते हैं. जानकारों की माने तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सुझाई गई पहल के अनुसार सिस्टम धीरे-धीरे ‘ऑन डिमांड’ परीक्षाओं की सुविधा की ओर बढ़ेगा.
एनसीएफ ने मसौदे को लगभग तैयार कर लिया गया है. जल्द ही पब्लिक डोमेन में इसे लाया जाएगा. आपको बता दें कि एनसीएफ ने आखिरी बार 2005 में बदलाव किया था. नए NCFFS के आधार पर NCERT द्वारा जारी की जाने वाली और सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबों में भी बदलाव किए जाएंगे.