NEET PG 2021 Counselling Update: डॉक्टरों का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हुआ. NEET PG काउंसलिंग 2021 आज यानी 12 जनवरी से शुरू हो रही है. बता दें नीट पीजी काउंसलिंग 2021 (neet pg 2021 counselling) लंबे समय से टल रही थी. इस देरी के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों ने बड़े पैमाने पर विरोध किया जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय कोटा सीटों के भीतर अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 27% कोटा शुरू करने के सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए केंद्र को नीट पीजी काउंसलिंग के लिए आगे बढ़ने की अनुमति दे दी. इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी काउंसलिंग (neet pg counselling) के लिए सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10% आरक्षण की भी अनुमति दी है. नीट पीजी काउंसलिंग, नीट पीजी 2021 को पास करने के बाद विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए स्नातकोत्तर मेडिकल छात्रों को सीटें आवंटित करने की एक प्रक्रिया है. वैसे यह पहली बार नहीं है जब नीट पर सवाल उठे हैं, नीट और विवादों का बहुत पुराना रिश्ता है.
2013 में पहली बार आयोजित हुई थी नीट की परीक्षा
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) की शुरुआत 2013 में, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने भारत में चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की थी और एकमात्र मेडिकल प्रवेश परीक्षा के रूप में की. उस समय भी इस परीक्षा को लेकर कई विवाद हुए थे. 2013 में आयोजित होने के बाद, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने परीक्षा के खिलाफ प्राप्त याचिकाओं के जवाब में परीक्षा पर रोक लगा दी और कहा कि एमसीआई इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. इस प्रवेश परीक्षा ने 2016 में वापसी की और उस साल इसे दो चरणों में - एक बार मई में और दूसरी बार जुलाई में आयोजित किया गया.
2020 में एम्स और जेआईपीएमईआर को भी किया गया शामिल
नीट से पहले AIPMT की परीक्षा आयोजित की जाती थी. 2017 में एआईपीएमटी को पूरी तरह से नीट में बदल दिया गया. एआईपीएमटी के साथ-साथ राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं भी पुरानी बात बन गईं. एम्स-एमबीबीएस परीक्षा और जेआईपीएमईआर-एमबीबीएस प्रवेश परीक्षाएं नीट का हिस्सा नहीं थी और अलग से आयोजित की जाती थीं लेकिन 2020 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की कि एम्स और जेआईपीएमईआर सहित सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट एकमात्र परीक्षा होगी. एआईपीएमटी का आयोजन स्नातक और स्नातकोत्तर, दोनों के लिए किया जाता था. नीट पीजी का आयोजन पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है और NEET MDS का आयोजन पीजी डेंटल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है. ये दोनों परीक्षाएं नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) द्वारा आयोजित की जाती हैं.
सीबीएसई से लेकर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को सौंपी गई जिम्मेदारी
पहले नीट केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा आयोजित किया गया था, लेकिन बाद में इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को दे दी गई. एनटीए विशेष रूप से प्रवेश और भर्ती परीक्षा आयोजित करने के उद्देश्य से गठित एक सरकारी एजेंसी है. एनटीए ने 2019 में स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली नीट परीक्षा आयोजित की थी. अधिकांश प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं के उत्तर देने के लिए कंप्यूटर आधारित मार्ग अपनाने के बावजूद, नीट अभी भी ओएमआर-प्रारूप के साथ जुड़ा हुआ है. एनटीए द्वारा आयोजित की जाने वाली 16 राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में से केवल नीट में ही ओएमआर शीट का इस्तेमाल होता है.
तमिलनाडु ने हमेशा से किया है विरोध
तमिलनाडु ने एक दशक पहले राज्य स्तरीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा को समाप्त कर दिया था. छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं में उनके प्रदर्शन के आधार पर राज्य के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में सीटें मिलती थीं. हालांकि, 2017 में जब प्रवेश के लिए नीट को अनिवार्य कर दिया गया था, तमिलनाडु सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया जिसमें मेडिकल छात्रों के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा नीट में भाग लेने से छूट की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नीट अपनाने का निर्देश दिया और कहा कि "बुद्धि से कोई समझौता" नहीं किया जा सकता.
नीट परीक्षा, अंग्रेजी और हिंदी सहित 11 विभिन्न भाषाओं में आयोजित की जाती है. इन भाषाओं में असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मराठी, ओडिया, तमिल, तेलुगु और उर्दू शामिल हैं. यह परीक्षा तीन घंटे तक चलती है और एक उम्मीदवार को 180 सवालों के जवाब देने होते हैं. भारत के एमबीबीएस और बीडीएस कॉलेजों में 1,05598 सीटों के लिए यह परीक्षा हर साल मई के महीने में आयोजित की जाती है.