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NEET PG 2022 टॉपर शगुन बत्रा नहीं चाहती थीं डॉक्टर बनना...फिर क्या बनी उनकी प्रेरणा, जानिए

डॉ शगुन कहती हैं कि NEET PG की तैयारी करना कोई आसान काम नहीं है. तैयारी करते समय आपको कई चीजों से दूर रहना पड़ता है. इसके लिए मैंने खुद को काफी समय के लिए सोशल मीडिया और मनोरंजन से दूर रखा. हालांकि कभी-कभी मैं नेटफ्लिक्स देख लिया करती थी.

Shagun Batra Neet Topper Shagun Batra Neet Topper
हाइलाइट्स
  • मेडिकल फील्ड में आने का नहीं था सपना

  • मेडिसिन में करना चाहती हैं एमडी

नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज द्वारा बुधवार को NEET PG 2022 का परिणाम घोषित किया गया. डॉ शगुन बत्रा ने ऑल इंडिया मेडिकर प्रवेश परीक्षा में टॉप किया है. उसके बाद डॉ जोसेफ को दूसरा और डॉ हर्षिता को तीसरा स्थान मिला है. शगुन दिल्ली पब्लिक स्कूल (आर.के. पुरम) की पूर्व छात्रा हैं. बता दें कि शगुन पढ़ाई में शुरू से ही मेधावी छात्रा रहीं. उन्होंने 12वीं की परीक्षा में टॉप किया. इसके अलावा वो स्कूल के दिनों में भी अक्सर अपनी क्लास में टॉप करती रहीं. डॉ शगुन के इस बेहतरीन सफर और करीब से जानने के लिए इंडिया टुडे ने उनसे बातचीत की, पेश हैं उसके कुछ अंश.

डॉ शगुन ने बताया कि उन्हें कक्षा 10 में 10.0 CGPA और कक्षा 12वीं में 98.2% अंक मिले थे. उनके पास भौतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान,जीवविज्ञान और गणित जैसे विषय थे.

साल 2016 में उन्होंने दिल्ली के मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज (MAMC)में प्रवेश लिया और अपने एमबीबीएस बैच की गोल्ड मेडलिस्ट रहीं. इसके अलावा डॉ शगुन बत्रा ने JIPMER UG परीक्षा में AIR52,AIIMS UG परीक्षा में AIR 86 और NEET UG में AIR 103 रैंक हासिल की. वहीं जेईई मेन्स प्रवेश परीक्षा में उन्होंने AIR234 रैंक हासिल की.अपनी पूरी जर्नी में टॉपर होने के बावजूद डॉ शगुन बताती हैं कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि वो नीट टॉपर बनेगी, जबकि यहां वो पहली बार किसी पोस्ट ग्रेजुएट एक्जाम में शामिल हो रही थीं. 

कैसे की तैयारी?
डॉ शगुन कहती हैं कि NEET PG की तैयारी करना कोई आसान काम नहीं है.कई लोग तैयारी के लिए अपने आपको सोशल मीडिया और मनोरंजन से भी दूर रखते हैं. लेकिन परीक्षा की तैयारी के लिए ब्रेक भी जरूरी है. डॉ शगुन ने कहा,“मैंने सुनिश्चित किया कि मैं रेस्ट और रिकवरी को भी पर्याप्त समय दूं क्योंकि वो तैयारी के फेज का प्रमुख हिस्सा हैं.”
शगुन आगे कहती हैं कि जब भी थोड़ा लो फील होता तो परिवार और दोस्तों से बात कर लेती. इससे मेरा मनोबल बढ़ा. मुझे बैडमिंटन खेलना और बागवानी करना भी पसंद है. इसके अलावा मैं कुछ समय के लिए नेटफ्लिक्स भी देखती थी.

क्या मेडिकल फील्ड में आना आपका शुरू से सपना था?
डॉ शगुन बत्रा बताती हैं कि बचपन से मेडिकल फील्ड में आने जैसा उनका कोई सपना नहीं था. मैंने इसकी चुनौतीपूर्ण प्रकृति की वजह से इसमें आगे बढ़ने का फैसला किया. हालांकि बाद में मेरी प्रेरणा ये बनी कि मेरे पास किसी के जीवन में बदलाव लाने की शक्ति होगी. इस प्रेरणा का श्रेय डॉ शगुन डीबीएमसीआई के ई-गुरुकुल को देती हैं जिन्होंने नीट पीजी की तैयारी करने में उनका मार्गदर्शन किया. 

कोरोना महामारी में मिला अच्छा समय
डॉ शगुन बताती हैं कि नीट पीजी 2021 की काउंसलिंग प्रक्रिया कोविड-19 महामारी की वजह से टल गई थी. इस वजह से कई मेडिकल के छात्र अकादमिक माहौल में प्रैक्टिकल लर्निंग करने से चूक गए. फाइनल ईयर का ज्यादातर समय घर पर बीता जोकि क्लीनिकल लर्निंग का महत्वपूर्ण समय होता है. इस दौरान हमारी पेसेंट के साथ बातचीत होती है जोकि हम नहीं कर पाए. हालांकि मैंने ऑनलाइन क्लीनिकल स्टीमूलेशन करके काफी कुछ कवर करने की कोशिश की. कोरोना महामारी के समय हमारी ड्यूटी पहले ही दिन कोविड आईसीयू में लगा दी गई. शुरुआत में हम इसको लेकर काफी डरे हुए थे और हमें इसका कोई अंदाजा नहीं था. हालांकि धीरे-धीरे चीजें बेहतर होती गईं और हम मजबूत होते गए.

तैयारी के दैरान भाई को खोया
डॉ शगुन आगे जाकर मेडिसिन में MD करके सुपर स्पेशलाइजेशन के लिए जाने की योजना बना रही हैं. वो अपने परिवार में पहली डॉक्टर हैं. उनके पिता आईटी सेक्टर में काम करते हैं और मां गृहणी हैं. डॉ शगुन ने बताया कि तीन साल पहले उनके भाई का निधन हो गया था जब वो NEET PG की तैयारी कर रही थीं.