scorecardresearch

NEET UG 2024: Supreme Court में घंटों चली सुनवाई, जानें CJI ने Paper Leak, CBI जांच और Re-Exam को लेकर क्या-क्या कहा

NEET Paper Leak: Supreme Court ने कहा कि यदि पूरी नीट परीक्षा प्रभावित हुई है तो हमें फिर से एग्जाम का आदेश देना होगा. यदि हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं तो फिर से परीक्षा का आदेश देना होगा. यदि प्रश्नपत्र लीक सोशल मीडिया के जरिए हुआ तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा.

 NEET Paper Leak Case (File Photo: PTI) NEET Paper Leak Case (File Photo: PTI)
हाइलाइट्स
  •  नीट पेपर लीक मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई 2024 को

  •  नीट यूजी री-टेस्ट है आखिरी विकल्प 

NEET Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को नीट-यूजी परीक्षा 2024 (NEET-UG Exam 2024) में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई.याचिका में 5 मई 2024 को हुई परीक्षा रद्द करने, एनटीए को दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देने और एग्जाम के दौरान हुई अन्य अनियमितताओं के संबंध में कोर्ट की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की गई.

मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक बात तो साफ है कि नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) का  प्रश्नपत्र (Question Paper) लीक (leak) हुआ है. सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है. सीजेआई का कहना है कि नीट यूजी री-टेस्ट को आखिरी विकल्प के तौर पर रखा जाना चाहिए. फिलहाल हमें यह जानना है कि क्या पूरी परीक्षा प्रभावित हुई है. यदि पूरी परीक्षा प्रभावित हुई है तो हमें फिर से परीक्षा का आदेश देना होगा. यदि हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं तो फिर से परीक्षा का आदेश देना होगा.यदि प्रश्नपत्र लीक सोशल मीडिया के जरिए हुआ तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा.

नीट परीक्षा और पेपर लीक के कई तथ्यों पर पूछे सवाल
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि यदि प्रश्नपत्र लीक टेलीग्राम, व्हाट्सएप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से हो रहा है तो यह जंगल में आग की तरह फैल जाएगा. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान नीट परीक्षा और पेपर लीक के कई तथ्यों पर सवाल पूछे. उन्होंने कहा है कि याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सभी वकील इस बात पर अपनी दलीलें पेश करेंगे कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए और केंद्र तारीखों की पूरी सूची भी देगा. सीबीआई भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती है. इस मामले में अगली सुनवाई अब 11 जुलाई 2024 को होगी. पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे.

सम्बंधित ख़बरें

कितने स्टूडेंट्स के रोके गए परिणाम 
शीर्ष कोर्ट ने सरकार से पूछा कि नीट पेपर लीक होने के कारण कितने स्टूडेंट्स के परिणाम रोके गए. ये भी पूछा कि ये विद्यार्थी कहां हैं. भौगोलिक तौर पर ये छात्र कहां-कहां हैं? क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं और क्या हम लाभार्थियों की पहचान कर भी पाएं हैं? सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि परीक्षा को दोबारा से कराना सबसे आखिरी विकल्प होना चाहिए. मामले में जो कुछ भी हुआ, उसकी जांच देश भर के विशेषज्ञों की एक बहु-अनुशासनात्मक समिति से कराई जानी चाहिए.

एक समिति गठित करने का दिया सुझाव
सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा कि नीट यूजी परीक्षा में रेड फ्लैग को पहचानना जरूरी है. उसी के आधार पर फैसला लिया जा सकेगा. शीर्ष कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया में रेड फ्लैग की जांच के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव दिया है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह प्रतिकूल मुकदमा नहीं है, क्योंकि हम जो भी निर्णय लेंगे, वह छात्रों के जीवन को प्रभावित करेगा. उन्होंने कहा कि हम नीट के पैटर्न को भी समझना चाहते हैं.

सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश करने का दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच की स्थिति बताते हुए रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने एनटीए (NTA) को निर्देश दिया कि वह बताए कि प्रश्नपत्र पहली बार कब लीक हुआ. वह प्रश्नपत्र लीक होने की घटना और 5 मई को परीक्षा आयोजित होने के बीच की समय अवधि के बारे में भी बताए. सीजीआई ने सरकार से पूछा कि हमारी साइबर फोरेंसिक टीम के पास किस तरह की टेक्नोलॉजी है. क्या हम सभी संदिग्ध का एक डेटा तैयार नहीं कर सकते. इस परीक्षा में जो हुआ और हम जो कदम उठा रहे हैं उससे आगे पेपर लीक नहीं होना चाहिए. क्या इस मामले में किसी एक्सपर्ट को शामिल कर सकते है? इस मामले में सेल्फ डिनायल सही नहीं होगा. 

मार्क देने का क्या है तरीका 
सीजीआई ने पूछा कि हमें ये बात भी देखनी है कि भविष्य में इस तरह की बात न हो. उसको लेकर क्या किया जा सकता है. हम इस प्रतिष्ठित परीक्षा की बात कर रहे हैं. मिडिल क्लास परिवार के अभिभावक बच्चे मेडिकल में जाने के लिए लालायित रहते हैं. सीजीआई ने कहा कि हम सरकार से ये जानना चाहते हैं कि सरकार ने इस मामले में क्या किया है? सीजीआई ने कहा कि 720 में 720 अंक जिन 67 स्टूडेंट्स को मिले हैं, उनमें से कितने छात्रों को ग्रेस मार्क मिले. इसकी डिटेल जानकारी चाहिए. हमें इस बात को समझना होगा कि मार्क देने का तरीका क्या है. 

क्या है पूरा मामला
एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की ओर से देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी की परीक्षा आयोजित की जाती है. 5 मई 2024 को नीट-यूजी की परीक्षा हुई थी. लगभग 23 लाख स्टूडेंट्स इस परीक्षा में शामिल हुए थे. इस परीक्षा में कुल 67 छात्रों ने पूरे 720 अंक प्राप्त किए थे.

इसके बाद परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह शुरू हुआ. इसके बाद 1,563 अभ्यर्थियों को दिए गए ग्रेस मार्क को रद्द कर दिया गया था. एनटीए ने 23 जून को आयोजित पुन: परीक्षा के परिणाम जारी करने के बाद 1 जुलाई को संशोधित रैंक सूची जारी की थी. इसमें नीट-यूजी में शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई.