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Rajasthan Judicial Services Result: गांव में रहकर की तैयारी....एग्जाम में किया टॉप, RJS की टॉपर राधिका बंसल से जानिए टिप्स और सक्सेस मंत्र

Rajasthan Judiciary Services के एग्जाम में हनुमानगढ़ जिले के एक गांव की बेटी राधिका बंसल ने टॉप किया है. राधिका एक बिजनेस फैमिली से हैं और उन्होंने जॉब के साथ-साथ तैयारी करके परीक्षा में सफलता हासिल की है.

Radhika Bansal (Photo: YouTube Screenshot) Radhika Bansal (Photo: YouTube Screenshot)
हाइलाइट्स
  • ऑनलाइन कोचिंग लेकर की एग्जाम की तैयारी

  • जॉब भी करती हैं राधिका बंसल

राजस्थान ज्यूडिशियल सर्विस (RJS) का रिजल्ट घोषित हो गया है और इस बार टॉप 10 में 9 बेटियों ने बाजी मारी है. इस एग्जाम में टॉप किया है हनुमानगढ़ के जिले के नाथावली थेड़ी गांव की रहने वाली राधिका बंसल ने. गांव में रहकर एग्जाम की तैयारी करने वाली राधिका लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद नगर निगम बीकानेर में कनिष्ठ विधि अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. जॉब के साथ-साथ ही उन्होंने अपनी तैयारी की. राधिका ने एग्जाम के लिए कोचिंग भी ऑनलाइन ही ली और अब 188 अंकों के साथ परीक्षा में टॉप किया है.  

दिलचस्प बात यह है कि राधिका का यह पहला प्रयास था. जी हां, राधिका ने अपने पहले अटेम्पट में ही पेपर क्लियर करके मिसाल पेश की है. राधिका बिजनेस परिवार से आती हैं, उनके घर में कोई भी लॉ के फील्ड से नहीं जुड़ा हुआ है. लेकिन राधिका ने नौवीं-दसवीं क्लास में ही तय कर लिया था कि उन्होंने कानून की पढ़ाई करनी है. इसलिए दसवीं क्लास में सीबीएसई टॉपर होने के बावजूद उन्होंने 11वीं-12वीं की पढ़ाई आर्ट्स से की. 

इस तरह की ज्यूडिशियरी एग्जाम की तैयारी
राधिका ने एक यूट्यूब चैनल से बात करते हुए बताया कि उन्होंने तय कर लिया था कि वह ज्यूडिशियरी का एग्जाम देंगी और इसकी तैयारी भी बहुत पहले से शुरू कर दी थी. उन्होंने साल 2019 से तैयारी शुरू की थी और साल 2020 में कोचिंग जॉइन की. अक्सर छात्र प्रीलिम्स के हिसाब से तैयारी करते हैं और सोचते हैं कि प्री क्लियर होगा फिर मेन्स पर फोकस करेंगे. लेकिन राधिका का कहना है कि उन्होंने शुरू से ही इस हिसाब से तैयारी की कि उन्हें मेन्स लिखना है क्योंकि वे अपने लक्ष्य को लेकर क्लियर थीं. 

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पढ़ने का रूटीन 
राधिका ने बहुत ही मोटिवेशन के साथ अपनी तैयारी शुरू की. उन्होंने एक मिनट के लिए भी नहीं सोचा कि वह परीक्षा में सफल नहीं होंगी. उन्होंने बताया कि हर दिन पढ़ाई करने के लिए उनका फिक्स्ड टाइम-टेबल नहीं था लेकिन वह हर दिन के लिए जितने टॉपिक तय करती थीं उन्हें जरूर पूरा करती थीं. उनका कहना है कि आप 15-20 जितने सेक्शन एक दिन में करने का सोचते हैं, उसे पूरा जरूर करें ताकि आपका सिलेबस समय से कवर हो जाए और आपके पास एग्जाम से पहले रीविजन का टाइम रहे. 

पढ़ते रहो, पढ़ते रहो... और बस पढ़ते रहो
राधिका कहती हैं कि किसी भी एग्जाम में अच्छा करने का एक ही तरीका है और वह है हार्ड वर्क यानी कि मेहनत. मेहनत का कोई दूसरा विकल्प नहीं है. इसलिए खुद पर भरोसा रखें और तैयारी करते रहें. साथ ही, उन्होंने कहा कि आपको तैयारी करते समय किसी एक ही मेंटर को फॉलो करना चाहिए, जिनपर आपको पूरा विश्वास हो. उनके मार्गदर्शन में तैयारी करनी चाहिए. 

इसके अलावा, राधिका का कहना है कि पढ़ाई के बीच ब्रेक में वह अपने परिवार के साथ समय बिताती थीं. उन्होंने अपने गांव में परिवार के साथ रहकर तैयारी की. राधिका पढ़ाई में अच्छी होने के साथ-साथ सिंगिंग भी करती हैं. हालांकि, गाना उनकी सिर्फ एक हॉबी है. 

बेटियों ने मारी बाजी  
राधिका के अलावा, चुरू की परमा चौधरी ने तीसरी रैंक हासिल की है. परमा एक डेंटिस्ट हैं और उन्होंने कई साल प्रैक्टिस करने के बाद परिवार के साथ से LLB की डिग्री की. और अब बिना कोचिंग के RJS एग्जाम में तीसरी रैंक हासिल की है. झालावाड़ की 22 वर्षीया दीपिका कचोलिया को पांचवीं रैंक मिली है. वहीं, सीकर की शिवानी शर्मा ने RJS एग्जाम में 10वीं रैंक हासिल करके मिसाल पेश की है. उन्होंने अपने दूसरे अटेम्प्ट में यह रैंक हासिल की है. उनके पति विशाल शर्मा भरतपुर में न्यायिक मजिस्ट्रेट हैं.