scorecardresearch

Kota Students Suicides: कोटा में छात्रों को आत्महत्या करने से रोकने में Facebook, Instagram करेंगे मदद, राजस्थान पुलिस की पहल

राजस्थान पुलिस ने कोटा में होने वाले छात्रों को सुसाइड्स के मामलों को रोकने की दिशा में एक सकारात्मक पहल करते हुए Facebook और Instagram की पैरेंट कंपनी, META के साथ एक डील की है. सोशल मीडिया पर अगर किसी छात्र की पोस्ट या कंटेंट से अगर लगता है कि वह डिप्रेशन में है या आत्महत्या की संभावना है तो कंपनी तुरंत पुलिस को अलर्ट देगी.

Meta Platforms, including Facebook, Instagram to help students Meta Platforms, including Facebook, Instagram to help students

राजस्थान की कोचिंग नगरी, कोटा में छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए राजस्थान की पुलिस ने META को तैनात किया है. पुलिस ने कंपनी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आत्मघाती प्रवृत्ति प्रदर्शित करने वाले छात्रों की पहचान करने के लिए मेटा के साथ समझौता किया है. ताकि पुलिस को समय रहते बच्चों के बारे में जानकारी मिल सके और वे जिंदगियां बचा सकें. 

22 मई 2024 को पुलिस ने मेटा कंपनी के साथ यह सहयोग समझौता किया है और पुलिस का दावा है कि उन्होंने पहले ही दिन झुंझुनू के एक छात्र को आत्महत्या करने से रोका. छात्र ने सोशल मीडिया पर रील डाली थी, उसके बाद मेटा ने पुलिस को अलर्ट किया, और पुलिस को सारी डिटेल भेजी. उसके बाद पुलिस ने डिटेल को आगे बढ़ाते हुए झुंझुनू थाना अधिकारी को अलर्ट किया. पुलिस मौके पर छात्र के घर पहुंची तो पता चला कि छात्र घर पर नहीं है. छात्र उस समय राजकोट में था. परिजनों ने छात्र से बात की और उसके बाद सारे मामले को संभाला गया. 

चौबीस घंटे काम करेगी टीम 
मेटा न केवल कोटा शहर बल्कि पूरे राजस्थान राज्य से ऐसी जानकारी साझा करेगा. आत्महत्या की प्रवृत्ति का संकेत देने वाले रेड-फ्लैग टैग की निगरानी के लिए शहर के अभय कमांड सेंटर में आठ घंटे की शिफ्ट में चौबीसों घंटे काम करने वाली एक समर्पित टीम को तैनात किया गया है. इसका उपयोग संबंधित क्षेत्र और राजस्थान के अन्य जिलों की पुलिस को अलर्ट करने के लिए किया जाएगा ताकि वे समय पर हस्तक्षेप कर सकें और बच्चों की जान बचाई जा सके. 

सम्बंधित ख़बरें

शिक्षा नगरी (कोटा) में देश भर से युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं. यहां पर इस साल 10 छात्रों ने अपनी जान ले ली है. हाल ही में एक मामला 30 अप्रैल को सामने आया, नीट एग्जाम से 5 दिन पहले छात्र ने सुसाइड नोट में "सॉरी पापा, इस साल भी मेरा नहीं हो पाएगा" लिखकर आत्महत्या कर ली. साल 2023 में शिक्षा नगरी में कोचिंग छात्रों के बीच आत्महत्या के 29 मामले दर्ज किए गए, जो अब तक दर्ज की गई सबसे ज्यादा संख्या है.

सोशल मीडिया से मिल सकती है मदद 
कोटा सिटी एसपी डॉ अमृता दूहन ने बताया कि सुसाइड जैसी घटनाओं को महसूस करने के बाद इस सहयोग के लिए मेटा से संपर्क किया गया था. कुछ आत्महत्या के मामलों में, छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी परेशानी और आत्मघाती विचार व्यक्त किए थे. अगर इन पर गौर किया गया होता तो समय पर हस्तक्षेप करके इन दुखद घटनाओं को संभावित रूप से रोका जा सकता था. मेटा ने विशेष रूप से कोटा पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ, पूरे राजस्थान से ऐसी जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराएंगे. 

कोटा का कोई छात्र आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने से संबंधित कंटेंट पोस्ट करता है, तो मेटा के सिस्टम पर रेड-फ्लैग टैग फ्लैश हो जाएगा. इसके बाद उनके अकाउंट की जानकारी कोटा पुलिस के साथ साझा की जाएगी. अगर छात्र कोटा के बाहर से है, तो उसकी डिटेल्स समय पर कार्रवाई के लिए अभय कमांड सेंटर या संबंधित जिले के नियंत्रण कक्ष को भेज दी जाएंगी. 

कोटा को बनाया गया सेंटर 
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस सहयोगात्मक पहल के शुरू होने के बाद से, शहर में ऐसे किसी भी रेड-फ्लैग वाले टैग की सूचना नहीं मिली है. लेकिन पुलिस ने झुंझुनू जिले के रहने वाले एक छात्र द्वारा संभावित आत्महत्या को रोक दिया है. फिलहाल यह पहल कोटा शहर में सक्रिय है, लेकिन इसे जयपुर में पुलिस मुख्यालय तक विस्तारित करने की योजना पर काम चल रहा है. अभी पूरे राजस्थान का सेंटर कोटा में ही बनाया गया है. कुछ दिन बाद इसे जयपुर पुलिस मुख्यालय में विस्तारित कर दिया जाएगा.