
राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के लिए अभ्यर्थियों के लिए ड्रेस कोड को लेकर अजीबोगरीब फरमान जारी किया गया है. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने एग्जाम में अभ्यर्थियों को भारतीय वेशभूषा में एग्जाम सेंटर पर आना होगा. इस फरमान में कहा गया है कि अभ्यर्थी मेटल जिप वाले जींस और जैकेट पहन का नहीं आ सकते हैं.
क्या है नया ड्रेस कोड-
बोर्ड के ड्रेस कोड के मुताबिक छात्र कुर्ता पायजामा या कपड़े का पैंट पहनकर आ सकते हैं, जिसमें मेटल जिप नहीं हो. छात्राएं साड़ी या सलवार सूट पहनकर आ सकती हैं, कोई जींस और जैकेट पहन कर नहीं आ सकती है, जिसमें मेटल जिप का इस्तेमाल किया गया हो.
इस फरमान को लेकर बोर्ड का तर्क-
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड का कहना है कि जींस पैंट और जैकेट में लगने वाले मेटल जिप से परीक्षा के दौरान परेशानी आ रही है. कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष रिटायर्ड मेजर जनरल आलोक राज ने कहा कि हमने ये आदेश इसलिए निकाला है, क्योंकि मेटल जिप वाले कपड़े से मेटल डिटेक्टर से फ्रिस्किंग में काफी समस्या आ रही है. मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद उन्हें अलग से ले जाकर कपड़े की जांच करनी होती है. जिसकी वजह से परीक्षा में काफी समय निकल जाता है और इसका फायदा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले उठाते हैं.
नकल माफिया उठाते हैं फायदा-
मेटल डिटेक्टर से जांच में जो दिक्कत होती है, उसका फायदा नक़ल माफिया उठा रहे हैं. पुरुष छात्र कुर्ता पायजामा या फिर कपड़े के पैंट शर्ट पहनकर आएंगे, तो इसकी जांच में आसानी होगी. इसी तरह से महिला परीक्षार्थी अगर साड़ी और सलवार सूट में आती हैं, तो फ्रिस्किंग में दिक्कत नहीं होगी.
कर्मचारी चयन बोर्ड का मानना है कि ये व्यवस्था छात्रों के हित के लिए किया गया है, ताकि भर्ती परीक्षाओं में धांधली को रोका जा सके. इसीलिए कर्मचारी चयन बोर्ड ने दिसंबर 2024 में ही सर्दी और गर्मी दोनों मौसम के लिए परीक्षार्थियों के लिए ड्रेस कोड बनाया था. उसमें भी इस तरह की व्यवस्था की गई थी. यह कोई नई व्यवस्था नहीं है. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष रिटायर्ड मेजर जनरल आलोक राज के ड्रेस कोड वाले ट्वीट पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
(जयपुर से शरत कुमार की रिपोर्ट)
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