एक तरफ जहां कहा जा रहा है कि महामारी के बाद से देशभर में बेरोजगारी आई है. वहीं दूसरी तरफ कंपनियों को मैनेजमेंट संस्थानों से खाली लौटना पड़ रहा है क्योंकि वहां पर छात्र नहीं हैं. दरअसल पिछले साल 'रिवेंज टूरिज्म' की तरह 'रिवेंज प्लेसमेंट' का साल होने का संकेत देते हुए देश भर के मैनेजमेंट स्कूल प्लेसमेंट सीजन शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर अपने सभी छात्रों प्लेस करने में कामयाब रहे.
पिछले साल जब कोराना लॉकडाउन में ढील दी गई तो देशभर में पर्यटकों की बाढ़ आ गई थी, जिसे रिवेंज टूरिज्म का नाम दिया गया. कुछ इसी तरह की स्थिति मैनेजमेंट संस्थानों में भी देखने को मिली, जहां संस्थानों के पास अब रिक्रूटमेंट के लिए कोई छात्र नहीं है. इसी को रिवेंज प्लेसमेंट का नाम दिया गया है.
112 कंपनियों में से 57 को करना पड़ा मना
जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (JBIMS)में फाइनल प्लेसमेंट तीन दिन में ही समाप्त हो गया. संस्थान के निदेशक श्रीनिवासन अयंगर ने बताया कि कुल 112 कंपनियों ने प्लेसमेंट में आने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें से 57 को माफी पत्र भेजना पड़ा. संस्थान ने अपने माफी पत्र में कहा, “हमें आपको यह बताते हुए खेद है कि 2022 के JBIMS बैच ने अपनी अंतिम प्लेसमेंट प्रक्रिया पूरी कर ली है और सभी छात्रों को प्लेसमेंट हो गया है. विभिन्न सेक्टर्स की कंपनियों ने इसमें बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. इसका असर देश में सभी बिजनस संस्थानों पर पड़ा है और जेबीआईएमएस भी अपवाद नहीं है. हमें इस बात का खेद है कि कई कंपनियों को इसमें जगह नहीं मिल पाई है.
एवरेज सैलरी में हुई वृद्धि
प्लेसमेंट बंद करने वाले भारतीय प्रबंधन संस्थानों में भी ऐसा ही रुझान देखने को मिला. आईआईएम कोझीकोड के निदेशक प्रोफेसर देबाशीष चटर्जी ने कहा कि revenge travel की तरह यह साल revenge placements का रहा. पिछले साल जिस प्रोसेस में छह दिन लगे थे, इस बार वह तीन दिन में ही निपट गया. बैच साइज और प्रोग्राम पोर्टफोलियो में ज्यादा डाइवर्सिफिकेशन के बावजूद एवरेज सैलरी में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली. लिबरल स्टडीज एंड मैनेजमेंट और फाइनेंस में पीजीपी के पहले बैच में भी रिकॉर्ड हायरिंग देखने को मिली.
रिकॉर्ड टाइम में पूरा हुआ प्लेसमेंट
आईआईएम इंदौर में प्लेसमेंट सीजन रिकॉर्ड टाइम में पूरा हुआ. आईआईएम इंदौर के निदेशक हिमांशु राय ने कहा कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में तेजी आई वैसे-वैसे रिक्रूटर्स ने भी बड़ी संख्या में ऑफर देने शुरू कर दिए. संस्थान के प्रवक्ता ने कहा,“बेहद सफल प्लेसमेंट सीजन का मतलब है कि कुछ कंपनियां आईआईएम इंदौर से छात्रों को रिक्रूट करने के लिए बेहद उत्साहित थीं, लेकिन प्लेसमेंट की तेज गति के कारण ऐसा नहीं कर सकीं. ऐसी कंपनियों की काफी संख्या है, लेकिन हम कॉर्पोरेट जुड़ाव के समानांतर तरीकों की खोज कर रहे हैं क्योंकि हम भविष्य के लिए भागीदारों की भर्ती के शीर्ष पायदान का निर्माण करना चाहते हैं. ”इसी तरह मुंबई के NMIMS को एमबीओ कोर और एमबीए एचआर के छात्रों के फाइनल प्लेसमेंट में आठ दिन लगे जबकि पिछले साल इसमें करीब तीन हफ्ते का समय लगा था.
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