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कड़े होंगे UP सिपाही भर्ती परीक्षा के नियम! उम्मीदवार नहीं पहन सकेंगे घड़ी, पेपर बनने से लेकर छपने तक… सबपर होगी निगरानी

परीक्षा केंद्र पर निगरानी के लिए एक मजिस्ट्रेट तैनात होगा. ट्रेजरी से प्रश्न पत्र भी सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी में ही सरकारी गाड़ी से लाया जाएगा और वापस जमा किया जाएगा. हर केंद्र के हर कमरे में सीसीटीवी होगा.

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उत्तर प्रदेश में होने जा रही सिपाही भर्ती परीक्षा में इस बार भर्ती बोर्ड ने बड़े परिवर्तन किए हैं. इस बार परीक्षा के दौरान किसी भी छात्र को घड़ी पहन कर जाने की अनुमति नहीं होगी. परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी को सही टाइम देखने को मिले इसके लिए परीक्षा केंद्र के हर कक्ष में एक घड़ी लगाई जाएगी. इस बार भर्ती बोर्ड ने परीक्षा केंद्र के निर्धारण में भी एहतियात बरती है. सरकारी या सिर्फ अनुदानित विद्यालयों को ही परीक्षा केंद्र बनाया गया है. 

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बता दें, ये परीक्षा बीते फरवरी महीने में पेपर लीक होने के बाद दोबारा हो रही है. इसलिए परीक्षा के इंतजामों को चाक चौबंद किया गया है. इतना ही नहीं बल्कि हर जिले की क्राइम ब्रांच से लेकर एसटीएफ की यूनिट तक पेपर लीक कराने वाले, सॉल्वर गैंग पर नजर गड़ाए हुए है.

6000 से ज्यादा सिपाही पद के लिए होगी परीक्षा 
उत्तर प्रदेश पुलिस 6244 सिपाही पद के लिए परीक्षा करने जा रही है. बीते 16, 17 फरवरी को हुई परीक्षा में पेपर लीक होने के बाद अब यह परीक्षा 23, 24 25 और 30, 31 अगस्त को आयोजित होगी. जन्माष्टमी की छुट्टी के चलते परीक्षा के बीच में गैप रखा गया है. हर दिन दो पाली में परीक्षा होगी. हर पाली में 5 लाख अभ्यर्थी परीक्षा देंगे. 

पेपर लीक होने की घटना से सबक लेते हुए इस बार उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड ने परीक्षा कराने में बड़े परिवर्तन किए हैं. इस बार भर्ती बोर्ड ने सिर्फ गवर्नमेंट स्कूल कॉलेज या फिर सरकार से अनुदानित स्कूल कॉलेज को ही सेंटर बनाया गया है. निजी स्कूलों व कॉलेज में परीक्षा केंद्र नहीं बनाए गए हैं. यही वजह है कि इस बार प्रदेश के सिर्फ 67 जिलों में 1176 परीक्षा केंद्र बने हैं और यह परीक्षा 5 दोनों में आयोजित होगी. 

निगरानी में होंगे मजिस्ट्रेट तैनात
परीक्षा केंद्र पर निगरानी के लिए एक मजिस्ट्रेट तैनात होगा. ट्रेजरी से प्रश्न पत्र भी सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी में ही सरकारी गाड़ी से लाया जाएगा और वापस जमा किया जाएगा. हर केंद्र के हर कमरे में सीसीटीवी होगा, जिसकी फीड जिले में बने कंट्रोल रूम पर देखी जाएगी और जिले से बने कंट्रोल रूम की फीड को पुलिस भर्ती बोर्ड के द्वारा बनाए जा रहे मास्टर कंट्रोल रूम में देखा जाएगा.  

भर्ती बोर्ड ने सोशल मीडिया के जरिए अभ्यर्थियों को पेपर बेचने या सॉल्वर देने वालों पर भी नकेल कसने के लिए अभ्यर्थियों को भी अपने साथ जोड़ा है. भर्ती बोर्ड ने ऐसी किसी भी जानकारी के लिए एक अलग से व्हाट्सएप नंबर 9454457951 और एक मेल आईडी satarkta.policeboard@gmail.com भी जारी की है.

नहीं होगी कोई गड़बड़ी
उत्तर प्रदेश में पेपर लीक करने वाले गैंग पर काम करने वाले एसटीएफ के एक अफसर ने बताया किसी भी परीक्षा में गड़बड़ी के 70 फीसदी संभावना परीक्षा केंद्र से ही होती है. इस बार परीक्षा केंद्र पर ही सख्ती की गई है तो पेपर लीक की संभावना भी कम है. अमूमन निजी कॉलेज या स्कूल में सेंटर से वहां के कर्मचारी लालच में पेपर लीक कराने वाले गैंग से जुड़ जाते थे. लेकिन इस बार परीक्षा सरकारी कर्मचारी की निगरानी में होनी है और सरकारी कर्मचारी जेल जाने संपत्ति कुर्क होने के डर से ऐसे किसी भी काम में अमूमन शामिल नहीं होता है. वहीं दूसरी तरफ इस बार कोशिश है सॉल्वर गैंग पेपर ना बैठ पाए जिसके लिए पहले पकड़े जा चुके सॉल्वर गैंग्स पर नजर है.

पेपर बनाने से लेकर पेपर छापने पर होगी निगरानी
पिछली बार सिपाही और आरओ एआरओ भर्ती परीक्षा की तरह प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक न हो इसके लिए भी सतर्कता बरती गई है. पेपर बनाने से लेकर पेपर छापने और पेपर के ट्रांसपोर्टेशन में तक भर्ती बोर्ड ने अलग-अलग एजेंसी को काम पर लगाया है. इन एजेंसी पर भर्ती बोर्ड के साथ साथ एसटीएफ और इंटेलीजेंस की निगरानी है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम में नए प्रावधानों को लागू करते हुए एक करोड़ का जुर्माना और आजीवन कारावास भी लागू किया है.