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JEE Advanced 2022: न कोई कोचिंग...न मंहगी पढ़ाई, यू ट्यूब को गुरु मानकर निकाला जेईई एडवांस्ड

सतना के एक छोटे से गांव में रहने वाले शिवम पटेल जेईई एडवांस्ड क्लीयर किया है. खास बात ये है कि इसके लिए शिवम ने किसी महंगी कोचिंग का सहारा नहीं लिया है. बल्कि सिर्फ यूट्यूब से पढ़ाई करके एग्जाम क्लीयर किया है.

न कोई कोचिंग...न मंहगी पढ़ाई, यू ट्यूब को गुरु मानकर निकाला जेईई एडवांस्ड न कोई कोचिंग...न मंहगी पढ़ाई, यू ट्यूब को गुरु मानकर निकाला जेईई एडवांस्ड
हाइलाइट्स
  • यूट्यूब से पढ़ कर निकाला जेईई एडवांस्ड

  • यूट्यूब से रोजाना करते थे 3 से 4 घंटे की पढ़ाई

कहते हैं कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है. सतना जिले के एक छोटे से गांव ककरा के शिवम पटेल ने. जी हां, न कोई कोचिंग और न ही महानगरों की पढ़ाई, फिर भी पहली ही कोशिश में शिवम ने जेईई एडवांस्ड में बाजी मार ली. शिवम की ऑल इंडिया 1452वीं रैंक आई है. खास बात ये है कि शिवम ने पूरी तैयारी 100 वर्ग फीट के कमरे में बैठकर यूट्यूब से की है. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि शिवम ने यूट्यूब को अपना गुरु माना और जेईई एडवांस्ड क्लीयर किया. शिवम के पिता रविशंकर पटेल किसान हैं जबकि मां टीचर.

शिवम पटेल

यूट्यूब से पढ़ कर निकाला जेईई एडवांस्ड
कहते हैं कि 17 साल के शिवम ने अब तक बड़े शहरों का मुंह ही नहीं देखा है. 10वीं कक्षा पास करने के बाद माता-पिता ने अपने बेटे शिवम को परदेस भेजना का मन बनाया था, लेकिन कोविड महामारी आड़े आ गया. मां राजमणि टीचर थीं, सो उन्हें शिवम को देने के लिए कम टाइम ही रहता था, मगर पिता रविशंकर ने शिवम की पढ़ाई का पूरा ख्याल रखा. उसकी छोटी-छोटी जरूरतें पूरी की. शिवम ने यूट्यूब और ऑनलाइन क्लास की मदद से जेईई एडवांस्ड की परीक्षा पास की. इसके लिए शिवम रोजाना 10 से 11 घंटे की पढ़ाई करता था. आईआईटी में चयन होने के बाद शिवम के मां-बाप काफी खुश हैं, हालांकि उन्हें शिवम के दूर जाने का भी डर सता रहा है. कुछ दिनों में ही वो उच्च शिक्षा के लिए परदेस चला जाएगा. 

यूट्यूब से रोजाना करते थे 3 से 4 घंटे की पढ़ाई
जब शिवम से उनकी सक्सेस का राज पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो रोजाना 3 से 4 घंटे के लिए डेली यूट्यूब क्लासेस लेते थे. फिर उसके नोट्स बनाते थे. होमवर्क मिलता था तो क्वेश्चन सॉल्व किया करते थे, फिर मॉक टेस्ट भी बराबर से दिए हैं. इससे उन्हें एग्जाम देने में भी आसानी हुई. इसके साथ 10 से 11 घंटे की सेल्फ स्टडी के कारण भी उन्हें से सफलता हासिल हुई. ऐसा नहीं है कि शिवम केवल पढ़ाई में ही लगे रहते थे, वो पढ़ाई के साथ-साथ अपनी फैमिली को भी पूरा टाइम देते थे. साथ ही शाम को बैडमिंटन, क्रिकेट खेला करते थे. शिवम बताते हैं कि उनके पापा ने उनका बहुत साथ दिया है. 

माता-पिता को देते हैं सफलता का श्रेय
शिवम की मां राजमणि पटेल बताती हैं कि शिवम ने पहले से ही मन बना लिया था कि उसे आईआईटीयन बनना है. फिलहाल उनके परिवार में काफी खुशी का माहौल है. शिवम की इस सफलता का सारा श्रेय उनके मां-बाप को जाता है, जिन्होंने हर कदम पर शिवम का साथ दिया है. जहां उनकी मां उनके अच्छे खानपान का ध्यान रखती वहीं उनके पिता शिवम की सेहत का पूरा ध्यान रखते थे.