scorecardresearch

शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे अनुसूचित जाति के छात्र... सरकार ने जारी की Shreshta Scheme, हॉस्टल-ट्यूशन का खर्च उठाएगी सरकार

सरकार हमेशा से ही अनुसूचित जाति के छात्रों की शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कई कदम उठाती आई है. अब इस दिशा में एक और कार्य किया गया है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने लक्षित क्षेत्रों में उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना (श्रेष्ठ) शुरू की है.

मोदी सरकार ने शिक्षा को आगे बढ़ाने और अनुसूचित जाति (एससी) की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 'लक्षित क्षेत्रों में उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना' (SHRESHTA)की शुरुआत की है.श्रेष्ठ का प्राथमिक उद्देश्य सरकारी विकास पहलों की पहुंच का विस्तार करना और शिक्षा के क्षेत्र में अनुसूचित जाति के छात्रों को आगे बढ़ाना है.

इस योजना के तहत अनुसूचित जाति (एससी) के छात्रों को विभिन्न तरीकों से उच्च गुणवत्ता वाली स्कूली शिक्षा प्रदान की जाएगी. इससे सरकार को शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत अनुसूचित जाति-प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में अपनी विकास पहलों की पहुंच का विस्तार करने में भी मदद मिलेगी. इसके जरिए अनुसूचित जाति के छात्रों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान और व्यापक विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण के निर्माण की कल्पना की जाएगी, जिससे उनके लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित हो सके. 

कैसे होगा चयन
श्रेष्ठ का मतलब (Scheme for Residential Education for Students in High Schools in Targeted Areas) है. इसके तहत अनुसूचित जाति बहुल इलाकों में रेजिडेंशियल हाई स्कूल्स बनाए जाएंगे और सरकार की ओर से चलाए जा रहे प्रोग्राम्स का स्टूडेंट्स तक ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाया जाएगा. इस स्कीम के तहत NGOs और रेजिडेंशियल हाई स्कूल अथॉरिटीज के बीच कोलैबोरेशन के जरिए अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए खासतौर पर स्कूल बनेंगे ताकि इन स्टूडेंट्स के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए इन्हें उपयुक्त माहौल मिल सके. इस मोड के तहत, मेधावी छात्रों को सीबीएसई और राज्य बोर्डों के चयनित निजी स्कूलों में प्रवेश मिलेगा. इन छात्रों का चयन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा श्रेष्ठा (एनईटीएस) के माध्यम से किया जाएगा.

कैसे स्कूलों को चुना जाएगा
इसे दो भागों में बांटा गया है. पहले स्टेज में सिलेक्टेड बच्चों को SHRESTHA स्कूलों में एडमिशन दिया जाएगा. इसके बाद इन स्टूडेंट्स को इंडिविजुअल डेवलपमेंट के लिए ब्रिज कोर्स भी कराया जाएगा.राज्य में CBSE और स्टेट बोर्ड के ऐसे प्राइवेट रेजिडेंशियल स्कूल जिनका पिछले तीन सालों से 10वीं और 12वीं में लगातार 75% पास रेट हो, उन्हें सिलेक्शन कमिटी के अप्रूवल के बाद SC स्टूडेंट्स के लिए SHRESTHA स्कूल के तौर पर विकसित किया जाएगा. यह योजना स्कूल फीस और हॉस्टल फीस को कवर करेगी. इस योजना के तहत ग्रेड 9 के लिए स्कॉलरशिप राशि 1 लाख रुपए, ग्रेड 10 के लिए 1.10 लाख रुपए, ग्रेड 11 के लिए 1.25 लाख रुपए और ग्रेड 12 के लिए 1.35 लाख रुपए प्रति वर्ष है.

किन लोगों को मिलेगा एडमिशन
योजना में लड़कों और लड़कियों को उनके माता-पिता की वार्षिक आय के आधार पर चुना जाएगा. जिन बच्चों के माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख तक है. ऐसे लगभग 3000 अनुसूचित जाति के छात्रों को उनकी योग्यता के आधार पर सालाना चुना जाएगा.

किन चीजों में मिलेगा लाभ
इस योजना के तहत एडमिशन लेने वाले छात्रों की स्कूल फीस (ट्यूशन फीस) और हॉस्टल फीस (मेस चार्ज) सहित पूरी फीस माफ कर दी जाएगी. छात्र चयनित स्कूलों में एक ब्रिज कोर्स का लाभ भी उठा सकते हैं. ब्रिज कोर्स की फीस भी योजना में ही शामिल की गई है. शिक्षा मंत्रालय लगातार इसकी निगरानी करेगा कि छात्र क्या और कितनी प्रगति कर रहे हैं.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केवल आर्थिक रूप से कमजोर और अनुसूचित जाति के छात्र ही इस कार्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं. 

(गुड न्यूज टुडे चैनल को WhatsApp पर फॉलो करें )