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ट्रॉली चलाने वाले का बेटा बनेगा डॉक्टर, लिस्ट में शामिल हैं ऐसे ही 18 गरीब परिवार के बच्चे

भद्रक के काजी महल के रहने वाले मैराज खान के लिए ये दिन बेहद ही खास है. वो पिछले चार साल से इस पल का इंतजार कर रहे थे. क्योंकि मैराज के बेटे मुर्सीद खान ने अपने पिता का सपना सच कर दिखाया है. मुर्सीद ने एनईईटी स्नातक को क्रैक कर ऑल इंडिया रैंक 15,239 हासिल किया है.

NEET क्रैक करने वाले मुर्सिद अपने परिवार के साथ NEET क्रैक करने वाले मुर्सिद अपने परिवार के साथ
हाइलाइट्स
  • NEET क्रैक करने वाले मुर्सिद के पिता ट्रॉली चलाते हैं

  • जिंदगी फाउंडेशन की मदद से पूरी की पढ़ाई

  • संस्था ने NEET क्रैक करने वाले ऐसे ही 18 बच्चों को दी है मदद

राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा, राजा वही बनेगा जो हकदार होगा. वैसे तो ये डायलॉग बॉलीवुड फिल्म सुपर-30  का है, लेकिन इस डायलॉग को जिंदगी फाउंडेशन के 18 विद्यार्थियों ने NEET UG-2021 की प्रवेश परीक्षा में कामयाबी हासिल कर सच कर दिखाया है. ये 18 बच्चे वैसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिनका परिवार आजीविका के लिए मजदूरी करता है. इन सभी विद्यार्थियों में कोई भूमिहीन किसान का बेटा है, तो कोई दुध बेचने वाले का तो किसी के पिता रिक्शा चलाते हैं. 

ट्रॉली चालक के बेटे ने किया NEET क्वालिफाइड

भद्रक के काजी महल के रहने वाले मैराज खान के लिए ये दिन बेहद ही खास है. वो पिछले चार साल से इस पल का इंतजार कर रहे थे. क्योंकि आज मैराज के बेटे मुर्सीद खान ने अपने पिता का सपना सच कर दिखाया है. मुर्सीद ने एनईईटी स्नातक को क्रैक कर ऑल इंडिया रैंक 15,239 हासिल किया है. मुर्सीद के पिता मैराज काजी महल में पिछले चार साल से ट्रॉली रिक्शा चला रहे हैं. NEET क्रैक करने के साथ ही मुर्सीद प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा को पास करने वाले अपने इलाके के पहले छात्र बन गए हैं. 

जिंदगी फाउंडेशन ने की पढ़ाई में मदद

राजधानी भुवनेश्वर के जिंदगी फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट ने इन सभी छात्रों की पढ़ाई में मदद की है. इस फाउंडेशन को शिक्षाविद अजय बहादुर सिंह चलाते हैं.  यह ट्रस्ट  का मकसद ओडिशा के वैसे टैलेंटेड छात्रों का सेलेक्शन कराना है जो डॉक्टर बनने का ख्वाब देखते हैं पर पैसे की कमी से पीछे रह जाते हैं. ये फाउंडेशन सभी छात्रों को मुफ्त खाना, आवास, और कोचिंग की सुविधा देता है. मुर्शिद के अलावा सुभाष चंद्र बेहरा  ने परीक्षा में  595 अंक प्राप्त किए हैं. सुभाष चंद्र बेहरा के पिता दुध बेचते हैं. 

NEET क्रैक करने वाली शिवानी के पिता करते हैं बुनकर का काम

वहीं, संस्थान की छात्रा शिवानी मेहर ने NEET की प्रवेश परीक्षा में 577 अंक हासिल किया है. शिवानी के पिता गांव में बुनकर का काम करते हैं. शिवानी ने कहा कि मैं अपने माता-पिता की खराब आर्थिक हालात को देखते हुए डॉक्टर बनने के सपने को पूरा नहीं कर सकती थी, अगर आज सर मेरी मदद नहीं करते .  

गरीब बच्चों को डॉक्टर बनाना इस संस्था का मकसद
 
जिंदगी फाउंडेशन के संस्थापक अजय सिंह ने बताया कि इस कोविड-19 महामारी की वजह से ज्यादा ऑफलाइन क्लासेज नहीं हो पायी थी. लेकिन फिर भी हमारी कोशिश यही रही कि बच्चों के हौसले कम ना हो, ऑनलाइन क्लास की सुविधा देने के लिए हमने उन लोगों के लिए स्मार्ट फोन के इंतजाम करवाए. 
  
बता दें कि जिंदगी फाउंडेशन नाम के इस एनजीओ की शुरुआत साल 2017 में अजय बहादुर सिंह ने ही की थी, 2018 में जिंदगी फाउंडेशन के 18 विद्यार्थियों ने NEET की परीक्षा में सफलता प्राप्त किए. वहीं 2019 में 14 विद्यार्थियों ने और 2020 में 19 विद्यार्थियों ने NEET की प्रवेश परीक्षा में कामयाब हुए. सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने  इस फाउंडेशन में पढ़ रहे बच्चों को प्रेरित करने के लिए जिंदगी फाउंडेशन का दौरा किया है.